नई दिल्लीः कोविड के कारण टली जनगणना अब 2025 में होने वाली है। केंद्र सरकार 2025 की शुरूआत में जनगणना कराएगी। बता दें भारत में जनगणना हर 10 साल में होती है। आखिरी बार जनगणना 2011 में हुई थी। कोरोना महामारी के कारण 2021 में इसे टाल दिया गया। अब 2025 में जनगणना होने से […]
नई दिल्लीः कोविड के कारण टली जनगणना अब 2025 में होने वाली है। केंद्र सरकार 2025 की शुरूआत में जनगणना कराएगी। बता दें भारत में जनगणना हर 10 साल में होती है। आखिरी बार जनगणना 2011 में हुई थी। कोरोना महामारी के कारण 2021 में इसे टाल दिया गया। अब 2025 में जनगणना होने से इसका चक्र भी बदल गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि जनगणना 2025 की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है और जनसंख्या के आंकड़े 2026 तक घोषित किए जाएंगे। हालांकि अभी तक सरकार द्वारा जाति जनगणना पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार घर-घर जाकर जनगणना के अलावा लोगों को ऑनलाइन जनगणना फॉर्म भरकर सारी जानकारी खुद भरने का विकल्प मिलेगा। इसके लिए जनगणना प्राधिकरण ने स्व-गणना पोर्टल तैयार किया है, लेकिन अभी इसे लॉन्च किया जाना है। स्व-गणना के दौरान आधार और मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से भरना होगा। जो लोग स्व-गणना करना चाहते हैं, उन्हें पहले राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में अपना पंजीकरण कराना होगा। अब लोगों के मन में यह सवाल है कि सरकार द्वारा उनसे कौन-कौन से सवाल पूछे जाएंगे।
रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय ने जनगणना के दौरान पूछे जाने वाले 31 सवाल भी तैयार किए हैं। इन सवालों में लैंडलाइन टेलीफोन, इंटरनेट कनेक्शन, एक (बेसिक) मोबाइल या स्मार्टफोन, एक साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जीप या वैन आदि की उपलब्धता से जुड़े सवाल शामिल होंगे। परिवारों से यह भी पूछा जाएगा कि वे कौन-सा अनाज खाते हैं, उनके पीने के पानी और रोशनी के मुख्य स्रोत क्या हैं, उनके पास शौचालय है या नहीं, शौचालय किस प्रकार के हैं, नहाने की सुविधा, रसोई और एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन की उपलब्धता, खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाला मुख्य ईंधन, रेडियो सेट, ट्रांजिस्टर और टेलीविजन सेट है या नहीं।
लोगों से यह भी पूछा जाएगा कि उनके घर के फर्श, छत और फ्लोर में कौन-सी मुख्य सामग्री इस्तेमाल की गई है, घर की स्थिति, घर में लोगों की संख्या, घर की मुखिया महिला है या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति, घर के स्वामित्व में केवल रहने वाले कमरों की संख्या और घर में विवाहित जोड़ों की संख्या कितनी है।
ये भी पढ़ेः- अखनूर: आतंकियों से मुकाबला करते ऑर्मी डॉग ‘फैंटम’ ने सैनिकों के हिस्से की गोली अपने सीने में खाई, शहीद