नई दिल्ली: देश में प्रत्येक धर्मो को मानने वाले लोगों की बड़ी संख्या है. प्रत्येक धर्म की अपनी-अपनी परंपरा होती है. जिसका लोग सख्ती से पालन करते हैं. वहीं कुछ परंपराएं ऐसी होती है जिनके बारे में जानकर लोग हैरान रह जाते हैं. तो आज हम आपको भारत की एक ऐसी अनोखी परंपरा के बारे […]
नई दिल्ली: देश में प्रत्येक धर्मो को मानने वाले लोगों की बड़ी संख्या है. प्रत्येक धर्म की अपनी-अपनी परंपरा होती है. जिसका लोग सख्ती से पालन करते हैं. वहीं कुछ परंपराएं ऐसी होती है जिनके बारे में जानकर लोग हैरान रह जाते हैं. तो आज हम आपको भारत की एक ऐसी अनोखी परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं. बता दें यहां शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन के प्राइवेट पार्ट की पूजा की जाती है.
राजस्थान के पाली से लगभग 25 किलोमीटर दूर बूसी गांव है. इस गांव में मौजीराम जी और मौजनी देवी का मंदिर है. बता दें इस गांव में मौजनी देवी और मौजीराम जी की पूजा शिव जी और माता पार्वती के रूप में की जाती है. वहीं मंदिर में भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करने के लिए हर साल बड़ी संख्या में लोग आते हैं.वहीं जब भी इस गांव में किसी की शादी होती है तो सबसे पहले भगवान शिव और माता पार्वती की ही पूजा की जाती है. उन्हें वस्त्र, आभूषण, रंग मेंहदी इत्र से सजाया जाता है. उनकी पूरी रीति रिवाज से शादी कराई जाती है. उनकी शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन सात फेरे लेते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूल्हा-दुल्हन की शादी से पहले यहां पर एक अनोखी रस्म निभाई जाती है. बता दें दूल्हा-दुल्हन के प्राइवेट पार्ट्स की पूजा की जाती है. इसके साथ ही उन्हें और शादी में आए लोगों को संबंध से जुड़ी जानकारी दी जाती है. मान्यता है कि अगर कोई दूल्हा-दुल्हन शादी की समय इस रस्म को निभाता है तो उनकी शादी-शुदा जीवन में खुशहाली बनी रहती है. वहीं उसके घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है.
इसके अलावा इस जगह से जुड़ी एक ओर मान्यता प्रचलित है. कहा जाता है कि जिन दंपती को बच्चा नहीं हो पाता है. अगर वो यहां आकर मौजीराम जी और मौजनी देवी की पूजा करते हैं तो उनके घर जल्द ही किलकारियां गूंजने लगती हैं.