नई दिल्ली: बदलते मौसम और प्रदूषण का असर सिर्फ बड़ों पर ही नहीं, बल्कि नवजात शिशुओं पर भी पड़ता है। नवजात शिशु का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे वह आसानी से संक्रमण और एलर्जी की चपेट में आ सकते हैं। खासकर जब मौसम बदलता है, तो हवा में मौजूद प्रदूषित कण उनकी सांस लेने […]
नई दिल्ली: बदलते मौसम और प्रदूषण का असर सिर्फ बड़ों पर ही नहीं, बल्कि नवजात शिशुओं पर भी पड़ता है। नवजात शिशु का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे वह आसानी से संक्रमण और एलर्जी की चपेट में आ सकते हैं। खासकर जब मौसम बदलता है, तो हवा में मौजूद प्रदूषित कण उनकी सांस लेने की प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे सर्दी-खांसी, बुखार और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में नवजात शिशु की विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
1. साफ-सफाई का रखें ध्यान: प्रदूषण के कारण घर में भी धूल और गंदगी बढ़ सकती है, जो नवजात शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए रोजाना घर की सफाई करें और शिशु के आसपास की जगह को साफ-सुथरा रखें। शिशु के बिस्तर और कपड़ों को साफ रखें और उसे स्वच्छ वातावरण में रखें।
2. ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें: मौसम बदलने पर हवा में नमी कम हो जाती है, जिससे शिशु की त्वचा और श्वसन तंत्र में ड्राइनेस हो सकती है। ऐसे में घर में ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें, ताकि हवा में नमी बनी रहे और शिशु आराम से सांस ले सके।
3. भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें: प्रदूषण और संक्रमण से बचाने के लिए कोशिश करें कि शिशु को भीड़भाड़ वाले और प्रदूषित स्थानों पर न ले जाएं। अगर बाहर जाना बहुत जरूरी हो, तो शिशु को एक साफ और हल्के कपड़े से ढककर रखें ताकि वह धूल और धुएं से सुरक्षित रहे।
4. शिशु की इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजें दें: हालांकि नवजात शिशु के लिए ठोस आहार नहीं दिया जा सकता, लेकिन मां के दूध में जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो उसकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसलिए शिशु को नियमित रूप से स्तनपान कराएं ताकि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो।
5. डॉक्टर से नियमित जाँच कराएं: बदलते मौसम में शिशु की सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। नियमित अंतराल पर डॉक्टर से जांच कराते रहें ताकि किसी भी संक्रमण या बीमारी का समय रहते इलाज हो सके।
6. विटामिन डी के लिए धूप में रखें: विटामिन डी शिशु की हड्डियों के विकास और इम्यूनिटी के लिए महत्वपूर्ण है। सुबह की हल्की धूप में शिशु को 10-15 मिनट रखें, ताकि उसे विटामिन डी मिले और उसकी हड्डियाँ मजबूत रहें।
डॉक्टरों के अनुसार, बदलते मौसम और प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर नवजात शिशु के श्वसन तंत्र पर पड़ता है। ऐसे में उनका कहना है कि माता-पिता को शिशु की साफ-सफाई और इम्यूनिटी का खास ख्याल रखना चाहिए। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण नवजात शिशुओं के लिए हानिकारक होता है, जिससे उन्हें अस्थमा और सांस से जुड़ी अन्य बीमारियों का खतरा हो सकता है। इसलिए इन उपायों का पालन करके शिशु को सुरक्षित रखा जा सकता है।
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