नई दिल्ली: गरुड़ पुराण में ऐसे कर्मों का वर्णन किया गया है जो यमलोक में व्यक्ति का देवताओं जैसा स्वागत सुनिश्चित करते हैं। यह पुराण, हिंदू धर्म में मृत्यु, पाप, पुण्य और कर्मों के फल से जुड़े रहस्यों को उजागर करता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति के कर्म ही उसे मृत्यु के बाद किस […]
नई दिल्ली: गरुड़ पुराण में ऐसे कर्मों का वर्णन किया गया है जो यमलोक में व्यक्ति का देवताओं जैसा स्वागत सुनिश्चित करते हैं। यह पुराण, हिंदू धर्म में मृत्यु, पाप, पुण्य और कर्मों के फल से जुड़े रहस्यों को उजागर करता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति के कर्म ही उसे मृत्यु के बाद किस तरह की स्थिति में रखा जाएगा, इसका निर्धारण करते हैं। यदि कोई व्यक्ति धर्म और सत्य के मार्ग पर चलता है, तो उसे यमलोक में विशेष सम्मान और स्वागत मिलता है, मानो वह देवता हो।
1. सत्य और धर्म का पालन: गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति अपने जीवन में सत्य बोलता है, न्यायपूर्ण और धर्म के रास्ते पर चलता है, उसे मृत्यु के बाद यमराज के दूत बड़े आदर के साथ यमलोक तक लेकर जाते हैं। ऐसे व्यक्ति को देवताओं के समान आदर मिलता है।
2. दान और परोपकार: व्यक्ति का परोपकार और दूसरों की मदद करने का भाव भी यमलोक में महत्वपूर्ण होता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति नि:स्वार्थ भाव से दान करता है और जरूरतमंदों की मदद करता है, उसे स्वर्ग जैसी स्थिति प्राप्त होती है। उसकी आत्मा यमलोक में जाते ही देवताओं जैसी स्थिति में पहुंचती है।
3. व्रत और तपस्या: जो लोग जीवन भर व्रत, तपस्या और उपवास का पालन करते हैं, उन्हें यमलोक में विशेष आदर दिया जाता है। इन पुण्य कर्मों से व्यक्ति को स्वर्गलोक में भी स्थान मिलता है और उसकी आत्मा को शांति प्राप्त होती है।
4. आचार-विचार में शुद्धता: गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति के विचार और आचार भी उसके कर्मों का हिस्सा होते हैं। जो लोग मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहते हैं, उनकी आत्मा को यमलोक में देवताओं जैसा स्वागत मिलता है। उनके कर्म उनके जीवन को दिव्यता की ओर ले जाते हैं।
5. भगवान की भक्ति: जो व्यक्ति जीवन भर भगवान का स्मरण करता है, पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेता है, उसे यमलोक में विशेष सम्मान प्राप्त होता है। गरुड़ पुराण कहता है कि भगवान की भक्ति से मृत्यु के बाद आत्मा को मोक्ष का मार्ग भी प्राप्त होता है।
गरुड़ पुराण में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पापी कर्मों के कारण आत्मा को नरक की यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। झूठ बोलना, चोरी करना, दूसरों का अपमान करना, हिंसा करना, और अधर्म का मार्ग अपनाने वाले लोग यमराज के कोप का शिकार होते हैं। ऐसे लोगों की आत्मा को यमलोक में कष्ट और पीड़ा मिलती है और उन्हें स्वर्गलोक में स्थान नहीं मिलता।
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