नई दिल्ली: अमेरिका ने अवैध तरीके से वहां रह रहे भारतीयों को चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए भारत वापस भेज दिया है। अमेरिकी होमलैंड सेक्योरिटी विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 22 अक्टूबर को इन भारतीयों को एक विशेष चार्टर फ्लाइट में भेजा गया, जिसमें इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) विभाग भी […]
नई दिल्ली: अमेरिका ने अवैध तरीके से वहां रह रहे भारतीयों को चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए भारत वापस भेज दिया है। अमेरिकी होमलैंड सेक्योरिटी विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 22 अक्टूबर को इन भारतीयों को एक विशेष चार्टर फ्लाइट में भेजा गया, जिसमें इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) विभाग भी शामिल था। हालांकि यह नहीं बताया गया कि कितने लोगों को वापस भेजा गया और वे भारत के किन राज्यों से संबंध रखते हैं।
जानकरी के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच अवैध प्रवासन को रोकने के लिए सहयोग जारी है। इस सहयोग का उद्देश्य यह है कि भविष्य में भारतीयों के लिए अमेरिका जाने के अधिक वैध विकल्प खोले जा सकें। वहीं हाल ही में चार्टर्ड फ्लाइट में भारतीय प्रवासियों को भेजा जाना इसी उद्देश्य के तहत एक कदम माना जा रहा है, जो पिछले कुछ वर्षों से नियमित रूप से जारी है। इसके साथ ही अमेरिकी सरकार ने यह भी बताया इस तरह की कार्रवाइयां बाकी देशों के द्वारा भी अपनाई जा रही है.
अमेरिकी होमलैंड सेक्योरिटी विभाग ने अपने बयान में कहा है कि अवैध प्रवासन को सख्ती से रोका किया जा रहा है और लोगों को वैध तरीकों से अमेरिका में प्रवेश के लिए के लिए कहा जा रहा है। बता दें रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जून से दक्षिण-पश्चिम सीमा पर गैरकानूनी प्रवासन के मामलों में लगभग 55% की कमी दर्ज की गई है। वहीं 2024 की शुरुआत से अब तक 145 देशों से जुड़े 1,60,000 से अधिक अवैध प्रवासियों को 496 उड़ानों के जरिए उनके देशों में वापस भेजा गया है, जिनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं।
पिछले एक वर्ष में, होमलैंड सेक्योरिटी ने कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू, मिस्र, सेनेगल, उज्बेकिस्तान और भारत के नागरिकों को वापस उनके देशों में भेजा है। होमलैंड सेक्योरिटी की वरिष्ठ अधिकारी क्रिस्टी ए कैंनगेलो ने भारतीय प्रवासियों को लेकर बयान दिया कि जो भारतीय बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें वापस भेजा जाएगा। आगे उन्होंने लोगों को चेतावनी दी कि वे प्रवासन में लगे तस्करों के बहकावे में न आएं, जो अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचाने का दावा करते हैं। हालांकि अभी इस पर भारतीय सरकार का कोई भी बयान या जवाब सामने नहीं आया है.
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