पटना: दिवाली का पर्व आने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं और पूरे देश में त्योहार की तैयारियों की धूम मची है। वहीं बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ पूजा की तैयारियां भी जोरों पर हैं। बिहार में छठ पर्व का विशेष महत्व है. इसी बीच बिहार के शिक्षा विभाग ने इस साल […]
पटना: दिवाली का पर्व आने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं और पूरे देश में त्योहार की तैयारियों की धूम मची है। वहीं बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ पूजा की तैयारियां भी जोरों पर हैं। बिहार में छठ पर्व का विशेष महत्व है. इसी बीच बिहार के शिक्षा विभाग ने इस साल दिवाली और छठ पूजा के अवसर पर स्कूलों में छुट्टियों का ऐलान कर दिया है, जिसमें खासतौर से खरना के दिन भी छुट्टी दी गई है.
बिहार में इस साल दिवाली की छुट्टियां 1 और 2 नवंबर को रहेंगी। इसके बाद छठ पूजा के लिए विशेष अवकाश दिए गए हैं ताकि लोग इस महापर्व को अपने परिवार के साथ मनाने का आनंद उठा सकें। बता दें दिवाली के बाद छठ पर्व की शुरुआत 7 नवंबर को कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि से होगी और इसका समापन 8 नवंबर की रात तक होगा। इस दौरान बिहार के स्कूलों में 6 नवंबर से लेकर 9 नवंबर तक, चार दिन की छुट्टी रहेगी ताकि विद्यार्थी और शिक्षक इस पर्व को धूमधाम से मना सकें।
छठ पूजा बिहार के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसमें सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा की जाती है। इस पर्व के अनुष्ठान चार दिनों में संपन्न होते हैं, जिनमें नहाय खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य का विशेष महत्व है। बता दें पर्व की शुरुआत नहाय खाय से होती है, जिसमें व्रत के पहले दिन गंगा स्नान करके शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं। वहीं दूसरे दिन खरना का आयोजन किया जाता है, जिसमें गुड़ और चावल की खीर नए मिट्टी के चूल्हे पर बनाकर छठी मैया को अर्पित की जाती है। इसके बाद व्रतधारी प्रसाद ग्रहण करते हैं और अगले दो दिनों के लिए निर्जला व्रत रखते हैं।
खरना के बाद संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य दिए जाते हैं, जिससे इस पर्व का समापन होता है। सूर्यास्त और सूर्योदय के दौरान सूर्य देवता को अर्घ्य देकर छठ पूजा की विधि संपन्न की जाती है।
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