नई दिल्ली: आदिवासी लोक नृत्य गुसाड़ी को लोकप्रिय बनाने के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कनक राजू ने अब इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। उन्होंने 80 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. बताया जा रहा है कि कनक राजू बीमारी से पीड़ित थे. उनका निधन कल शाम शुक्रवार को हो गया. इस […]
नई दिल्ली: आदिवासी लोक नृत्य गुसाड़ी को लोकप्रिय बनाने के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कनक राजू ने अब इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। उन्होंने 80 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. बताया जा रहा है कि कनक राजू बीमारी से पीड़ित थे. उनका निधन कल शाम शुक्रवार को हो गया. इस दुखद घड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है. आदिवासी नर्तक का अंतिम संस्कार शनिवार दोपहर कोमाराम भीम आसिफाबाद जिले के जैनूर मंडल स्थित उनके पैतृक गांव मारलावई में होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डांसर कनक राजू के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, ‘गुसाड़ी नृत्य को संरक्षित करने में उनका समृद्ध योगदान आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा. उनके समर्पण और जुनून ने यह सुनिश्चित किया कि सांस्कृतिक विरासत के महत्वपूर्ण पहलू अपने प्रामाणिक रूप में विकसित हो सकें. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं।’ आपको बता दें कि जब कनक राजू को राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया गया तो उनसे मिलकर पीएम मोदी भी भावुक हो गए.
तेलंगाना डांसर कनक राजू ने गुसाडी की प्रैक्टिस करते हुए 6 दशक से ज्यादा समय बिताया था. वह राज गोंड जनजाति के पारंपरिक नृत्य में विशेषज्ञ थे। उन्होंने इस परंपरा को संरक्षित करने के लिए 40 साल बिताए हैं और युवा पीढ़ी को यह कला सिखा रहे हैं. कनक राजू को तेलंगाना के हजारों आदिवासियों को प्राचीन नृत्य कला को संरक्षित करने और सिखाने में उनके योगदान के लिए वर्ष 2021 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति भवन में दिया गया.
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