नई दिल्ली: आजकल डायबिटीज एक गंभीर बीमारी बन चुकी है, जिसे नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। ऐसे में सही खान-पान और प्राकृतिक उपचारों का बहुत महत्व है। करेला, जिसे कई जगहों पर “बिटर गॉर्ड” के नाम से भी जाना जाता है, डायबिटीज के नियंत्रण में फायदेमंद माना जाता है। करेले में पाए जाने वाले पोषक […]
नई दिल्ली: आजकल डायबिटीज एक गंभीर बीमारी बन चुकी है, जिसे नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। ऐसे में सही खान-पान और प्राकृतिक उपचारों का बहुत महत्व है। करेला, जिसे कई जगहों पर “बिटर गॉर्ड” के नाम से भी जाना जाता है, डायबिटीज के नियंत्रण में फायदेमंद माना जाता है।
करेले में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जैसे कि विटामिन C, विटामिन A, फाइबर, आयरन और पोटैशियम। इसके अलावा, इसमें विशेष रासायनिक तत्व होते हैं जो इसे औषधीय गुण प्रदान करते हैं। करेले प्रचूर मात्रा में कैरोटीन, बीटाकैरोटीन, लूटीन, आइरन, जिंक, पोटैशियम, मैग्नीशियम और मैगनीज, जैसे फ्लावोन्वाइड भी पाए जाते हैं जो सेहत के लिए जरूरी है।
डायबिटीज में मुख्य समस्या यह होती है कि शरीर इंसुलिन का उत्पादन ठीक से नहीं कर पाता या उसका उपयोग सही ढंग से नहीं कर पाता। ऐसे में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। करेले में मौजूद चारैंटिन नामक कंपाउंड ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है।
कई वैज्ञानिक अध्ययनों में यह पाया गया है कि करेले का नियमित सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। उदाहरण के लिए एक अध्ययन में यह देखा गया कि जिन लोगों ने एक दिन में 5 से 10 ml से ज्यादा करेले का जूस का सेवन किया है, उनके ब्लड शुगर के स्तर में कमी आई। हालांकि, इसे पूरी तरह से मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं माना जा सकता, लेकिन यह एक सहायक उपाय के रूप में उपयोगी हो सकता है।
करेला भले ही डायबिटीज के लिए फायदेमंद हो, लेकिन इसका अधिक सेवन हानिकारक भी हो सकता है। कुछ लोगों को करेले के जूस से पेट में दर्द या डायरिया हो सकता है। इसके अलावा, अगर आप पहले से ही डायबिटीज की दवाइयाँ ले रहे हैं, तो करेले का सेवन आपके ब्लड शुगर को अत्यधिक कम कर सकता है। इसलिए, इसका उपयोग शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।
Also Read…
खांस-खांसकर छिल गया है गला और हो रहा दर्द, अपनाएं ये सरल घरेलू नुस्खे जो देंगे तुरंत आराम!