नई दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (23 अक्टूबर) को 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत युद्ध का नहीं, कूटनीति और संवाद का समर्थन करता है। उन्होंने चीन और रूस जैसे बड़े देशों के राष्ट्रपतियों के सामने आतंकवाद पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के […]
नई दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (23 अक्टूबर) को 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत युद्ध का नहीं, कूटनीति और संवाद का समर्थन करता है। उन्होंने चीन और रूस जैसे बड़े देशों के राष्ट्रपतियों के सामने आतंकवाद पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर लोगों का दोहरा मापदंड नहीं चलेगा।
पीएम मोदी ने कहा, हमारी यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब विश्व युद्ध, संघर्ष, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है। दुनिया में उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है और तकनीक के युग में साइबर सुरक्षा, डीप फेक, डिसइन्फॉर्मेशन जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं।
मोदी ने जोर देकर कहा कि इन सभी चुनौतियों का सामना करने में ब्रिक्स को रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स को एक ऐसे समूह के रूप में देखा जाना चाहिए जो जनहित में काम करता है, न कि विभाजनकारी ताकत के रूप में। हम ऐसी स्थिति में हैं जहां ब्रिक्स से बहुत सारी अपेक्षाएं हैं। मेरा मानना है कि एक विविध और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। हमारा दृष्टिकोण जन-केंद्रित होना चाहिए। हमें दुनिया को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं बल्कि जनहित समूह है।
दुनिया के प्रति भारत के रवैये पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “हम युद्ध नहीं, संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं और जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को हराया, उसी तरह हम आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।”
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