नई दिल्ली: पूरी दुनिया में तरह-तरह के लोग होते है. कोई गोरा है तो कोई काला. वहीं कोई लंबा तो कोई छोटा .किसी के बाल भूरे हैं तो किसे के काले होते है.हालांकि प्रत्येक इंसान के अलग-अलग होने के पीछे विज्ञान काम करता है. बहुत लंबे और छोटे लोगों के पीछे भी विज्ञान काम करता […]
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में तरह-तरह के लोग होते है. कोई गोरा है तो कोई काला. वहीं कोई लंबा तो कोई छोटा .किसी के बाल भूरे हैं तो किसे के काले होते है.हालांकि प्रत्येक इंसान के अलग-अलग होने के पीछे विज्ञान काम करता है. बहुत लंबे और छोटे लोगों के पीछे भी विज्ञान काम करता है. तो चलिए जानते है कि किसी इंसान के शरीर में ऐसा क्या कम हो जाता है. जिससे उसकी लंबाई नहीं बढ़ती.
किसी इंसान का छोटे कद होने के पीछे कई कारण होते है. इनमें से एक कारण आनुवंशिकी होता है. अगर किसी के माता-पिता का कद छोटा है, तो बच्चे की लंबाई कम होने की संभावना अधिक होती है.
वहीं दूसरा कारण पोषण की कमी होता है. इंसान हो या जानवर सभी को शारीरिक विकास के लिए उचित पोषण बेहद जरूरी है. खासतौर से बचपन में, जब शरीर विकास तेजी से हो रहा होता है तब पोषण की कमी से लंबाई प्रभावित होती है.
इंसान का शरीर जब विकास कर रहा होता है. तब शरीर को इन चीजों की जरूरत होती है. वहीं इस दौरान उसके शरीर में इन चीजों की कमी हो जाए तो फिर इंसान की लंबाई प्रभावित होती है. इसमें विटामिन प्रोटीन, और खनिज मुख्य हैं. बता दें प्रोटीन शरीर की लंबाई और विकास के लिए सबसे जरूरी है.अगर प्रोटीन की कमी हो जाए तो मांसपेशियों का विकास रुक सकता है. इसके अलावा इंसान के शरीर की लंबाई में हार्मोन की भूमिका होती है. खासतौर से ग्रोथ हार्मोन की जरूरत सबसे ज्यादा होती है. ये हार्मोन पिट्यूटरी ग्लैंड के द्वारा शरीर में बनते हैं. वहीं ये शरीर के लंबाई को प्रभावित करते हैं. अगर किसी इंसान के शरीर में ग्रोथ हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है. तब ये शरीर की लंबाई और मोटाई को प्रभावित करता है.
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