रमा एकादशी के दिन इस तरह करें भगवान विष्णु को प्रसन्न, मिलेंगे बड़े लाभ, नोट कर लें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली: रमा एकादशी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करता है, उसे पापों से मुक्ति मिलती है और […]

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रमा एकादशी के दिन इस तरह करें भगवान विष्णु को प्रसन्न, मिलेंगे बड़े लाभ, नोट कर लें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Shweta Rajput

  • October 23, 2024 11:34 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: रमा एकादशी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करता है, उसे पापों से मुक्ति मिलती है और वह मोक्ष प्राप्त करता है। इस एकादशी को भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

रमा एकादशी 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त

रमा एकादशी 2024 में 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी। एकादशी तिथि की शुरुआत 27 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 23 मिनट से होगी और इसका समापन 28 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 50 मिनट पर होगा। व्रत का पारण (व्रत तोड़ने का समय) 29 अक्टूबर को सुबह 6:30 बजे से 8:50 बजे तक रहेगा।

पूजा विधि

1. स्नान और संकल्प: इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु की पूजा करने का संकल्प लें और व्रत का संकल्प धारण करें।

2. विष्णु की पूजा: भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं। उन्हें ताजे फूल, तुलसी के पत्ते, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम या विष्णु स्तोत्र का पाठ करें।

3. व्रत का पालन: इस दिन व्रत रखें और फलाहार का सेवन करें। उपवास में अनाज का सेवन वर्जित होता है। दिन भर भगवान विष्णु के नाम का जाप करें और शाम को विष्णुजी की आरती करें।

4. दान और सेवा: रमा एकादशी के दिन जरूरतमंदों को दान करने का विशेष महत्व है। गरीबों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करें। इससे भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

व्रत कथा सुनने का महत्व

रमा एकादशी के दिन व्रत कथा सुनने का भी विशेष महत्व है। कथा में राजा मुचुकुंद और रमा देवी की कथा सुनाई जाती है, जिसमें यह बताया गया है कि कैसे इस व्रत से सभी कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है। रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। इसे करने से भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है, जिससे जीवन में आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति आती है।

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