नई दिल्ली: मेंटल हेल्थ किसी खास उम्र से जुड़ी समस्याएं नहीं होतीं. बल्कि ये अलग-अलग उम्र के लोगों को अलग-अलग तरह की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. 15 से 24 वर्ष की आयु के युवाओं में मानसिक बिमारी होने की संभावना सबसे ज्यादा है. बचपन से लेकर किशोरावस्था और प्रारंभिक से मध्य […]
नई दिल्ली: मेंटल हेल्थ किसी खास उम्र से जुड़ी समस्याएं नहीं होतीं. बल्कि ये अलग-अलग उम्र के लोगों को अलग-अलग तरह की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. 15 से 24 वर्ष की आयु के युवाओं में मानसिक बिमारी होने की संभावना सबसे ज्यादा है. बचपन से लेकर किशोरावस्था और प्रारंभिक से मध्य आयु तक मानसिक विकारों का बोझ बढ़ता है.
14 से 19 साल की उम्र में बच्चे अपनी ज़रूरतो, इच्छाओं, और व्यवहार को ठीक से समझ नहीं पाते है. अक्सर इस उम्र के कई बच्चे स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं, उन्हें मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.
60 साल से अधिक उम्र के लोगों में अवसाद हो सकता है. जैसे शारीरिक बीमारियां, कैंसर, विटामिन की कमी ,थायरॉइड रोग, और संक्रमण, अवसाद का कारण बन सकती हैं.
एक सर्वे के अनुसार 18 से 25 साल के उम्र में 40% लोगों ने एंग्ज़ाइटी की बात स्वीकार की है. वहीं 60 साल और उससे ज़्यादा उम्र के लोगों में ये अनुपात बढ़कर 53% हो गया है. एक सर्वे के मुताबिक, 18-25 साल की उम्र के 40% लोगों ने एंग्ज़ाइटी की बात स्वीकार की है, जबकि 60 साल और उससे ज़्यादा उम्र के लोगों में यह अनुपात बढ़कर 53% मापा गया. दुनिया में 9 में से 1 व्यक्ति मानसिक बीमारी से पीड़ित है. मेंटल हेल्थ से जुड़ी दिक्कतें 14 साल की उम्र तक 50% और 24 साल की उम्र तक 75 % हो जाती हैं.
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