लखनऊ। बहराइच हिंसा के 7 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। जगह-जगह पर पुलिस फोर्स तैनात है। प्रशासन अब सख्त एक्शन लेने की तैयारी कर रहा है। इधर हिंसा को लेकर राजनीति भी जमकर हो रही है। विपक्ष इस घटना को लेकर योगी सरकार को घेर रही है। […]
लखनऊ। बहराइच हिंसा के 7 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। जगह-जगह पर पुलिस फोर्स तैनात है। प्रशासन अब सख्त एक्शन लेने की तैयारी कर रहा है। इधर हिंसा को लेकर राजनीति भी जमकर हो रही है। विपक्ष इस घटना को लेकर योगी सरकार को घेर रही है। इतना ही नहीं मौलानाओं ने भी सरकार को धमकी देनी शुरू कर दी है। किसी मौलाना ने हिंदू युवक की हत्या की निंदा नहीं की है बल्कि उन्हें ही दंगाई बता रहे हैं।
मौलाना अरशद मदानी ने कहा कि बहराइच हिंसा के बाद मुसलमानों पर पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की है।उन्होंने एक मुस्लिम के घर में घुसकर उसकी पिटाई करने और घर की छत पर भगवा झंडा फहराने वाले को असली अपराधी बताया। उन्होंने सरकार से अपील की कि जो लोग उत्पात कर रहे हैं, उसको पकड़े।
ख्वाजा मोइनुद्दीन की दरगाह में जियारत कराने वाले सरवर चिश्ती ने कहा कि वहीं हुआ, जो होना था। उन्होंने कहा कि अगर मुसलमानों को गालियां बकी जाएँगी, घर में घुसकर हरा झंडा उतारकर भगवा झंडा लहरायेंगे तो फूल तो नहीं बरसेगा। देश में नामचीन मुसलमानों को मारा जा रहा है। इन सबके पीछे सरकार का हाथ है। ये तो कुदरत का कानून है कि घरों में घुस जाओगे, गालियां बकोगे, मुसलमानों को तंग करोगे तो वो चुप थोड़े न रहेंगे।
पूरा मामला हरदी थाने के रेहुआ मंसूर गांव का है। रविवार शाम को मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के लिए भीड़ पर महराजगंज बाजार में मुसलमानों ने पथराव कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग की। इसमें रेहुआ मंसूर गांव के 22 साल के राम गोपाल मिश्रा को गोली लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई। एक अन्य शख्स बुरी तरह से घायल है। राम गोपाल की शादी को सिर्फ 4 महीने हुए थे। परिजन आरोप लगा रहे कि मुसलमानों की भीड़ ने खींचकर बाहर निकाला और फिर उसे गोली मार दी।