नई दिल्ली: बिहार सरकार जहां एक तरफ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करती है. वहीं दूसरी ओर पूर्वी चंपारण जिले के ढाका प्रखंड के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने अपने छात्रों को हिंदी मुहावरों का अजीबोगरीब मतलब बताया है. मैडम जी ने शराब से जोड़कर बच्चों को मुहावरे का अर्थ समझाया है. ब्लैक बोर्ड पर […]
नई दिल्ली: बिहार सरकार जहां एक तरफ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करती है. वहीं दूसरी ओर पूर्वी चंपारण जिले के ढाका प्रखंड के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने अपने छात्रों को हिंदी मुहावरों का अजीबोगरीब मतलब बताया है. मैडम जी ने शराब से जोड़कर बच्चों को मुहावरे का अर्थ समझाया है. ब्लैक बोर्ड पर उनकी लिखी लाइन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. वहीं मामला के तूल पकड़ने के बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने टीचर से स्पष्टीकरण मांगा है.
स्कूल में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है कि हाथ पांव फूलने का मतलब होता है. समय पर दारू का नहीं मिलना, कलेजा ठंडा होना का मतलब है. पैग का गले से नीचे नहीं उतरना और नेकी कर दरिया में डाल का मतलब फ्री में दोस्तों को शराब पिलाना ये पढ़ाया जा रहा है. वहीं इस मामले में ढाका प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने कहा कि स्कूल में शराब का उदाहरण देकर पढ़ाई कराने वाली बात सही है.
अखिलेश कुमार ने बताया कि शराब का उदाहरण देकर बच्चों को पढ़ाने वाली सही है. वहीं शराब की उदाहरण देकर पढ़ाने वाली शिक्षिका विनीता कुमारी ने मांफी मांगी है. . वहीं, पदाधिकारी कुमार ने शिक्षिका विनीता से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है. जमुआ स्कूल की प्रधानाध्यापिका सुलेखा झा ने बताया कि स्कूल में चौथी क्लास के बच्चों को शराब का उडाहरण देकर पढ़ाया जा रहा है.
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