लखनऊ। बहराइच हिंसा के 7 दिन हो गए हैं। इलाके में अभी भी तनाव की स्थिति है। गुरुवार को पुलिस ने राम गोपाल मिश्रा की हत्या में शामिल दो आरोपियों सरफराज और तालीम का एनकाउंटर किया, जिसमें उसके पैरों में गोली लगी। प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को अब जेल भेज दिया गया है। इधर […]
लखनऊ। बहराइच हिंसा के 7 दिन हो गए हैं। इलाके में अभी भी तनाव की स्थिति है। गुरुवार को पुलिस ने राम गोपाल मिश्रा की हत्या में शामिल दो आरोपियों सरफराज और तालीम का एनकाउंटर किया, जिसमें उसके पैरों में गोली लगी। प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को अब जेल भेज दिया गया है। इधर बहराइच हिंसा को लेकर राज्य में राजनीति जारी है। समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने घटना को लेकर प्रतिक्रिया दी है। जिसमें उन्होंने कहा कि दोषी कौन है वो सबको पता है।
शिवपाल यादव ने कहा कि सरकार को बहराइच हिंसा के दोषियों काे कड़ी सजा देना चाहिए। घटना में दोषी कौन है, ये किसी से छुपा हुआ नहीं है। सवाल ये उठता है कि बहराइच हिंसा की शुरुआत किसने की थी और कौन किसके घर में घुसा था? छत पर चढ़कर झंडा किसने उतारा? सरकार को इस घटना के दोषियों को सजा देनी चाहिए।
जानिए पूरा मामला
पूरा मामला हरदी थाने के रेहुआ मंसूर गांव का है। रविवार शाम को मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के लिए भीड़ पर महराजगंज बाजार में मुसलमानों ने पथराव कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग की। इसमें रेहुआ मंसूर गांव के 22 साल के राम गोपाल मिश्रा को गोली लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई। एक अन्य शख्स बुरी तरह से घायल है। राम गोपाल की शादी को सिर्फ 4 महीने हुए थे। परिजन आरोप लगा रहे कि मुसलमानों की भीड़ ने खींचकर बाहर निकाला और फिर उसे गोली मार दी।
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