नई दिल्ली: मुंह में होने वाले घाव, जिन्हें मुँह के छालों या अल्सर के रूप में जाना जाता है, अक्सर मामूली समझे जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये घाव कैंसर का संकेत भी हो सकते हैं? WHO के अनुसार अगर ये घाव 2-3 या 4 हफ्तों में भी ठीक नहीं होते, तो […]
नई दिल्ली: मुंह में होने वाले घाव, जिन्हें मुँह के छालों या अल्सर के रूप में जाना जाता है, अक्सर मामूली समझे जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये घाव कैंसर का संकेत भी हो सकते हैं? WHO के अनुसार अगर ये घाव 2-3 या 4 हफ्तों में भी ठीक नहीं होते, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। मुंह में घाव के कारण 6 में से एक शख्स की मौत कैंसर से हो रही है।
मुँह के घाव कई कारणों से हो सकते हैं, जैसे तंबाकू का सेवन, शराब का अत्यधिक सेवन या फिर मौखिक स्वच्छता का ध्यान न रखना। हालांकि अगर ये घाव बार-बार होते हैं या इनके साथ अन्य लक्षण जैसे दर्द, सूजन या खाने में कठिनाई भी हो रही है, तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है। मुँह में कई बार एलर्जी से भी ऐसे घाव हो जाते हैं, जो इलाज होने पर भी ठीक नहीं हो रहे हैं तो कैंसर की जांच करानी चाहिए।
कैंसर के शुरुआती लक्षणों में मुँह में सफेद या लाल धब्बे, गले में लगातार दर्द या वजन में अचानक कमी शामिल हो सकते हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मुंह के अंदर जीभ पर घाव है, तो तुरंत बायोप्सी कराना चाहिए, क्योंकि ये कैंसर का एक बड़ा संकेत भी सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक गलत जानकारी है कि यह गलत धारणा है कि बायोप्सी कराने के बाद कैंसर सही हो जाता है, परंतु समय पर चिकित्सा जांच से कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सकता है। जिससे इलाज की प्रक्रिया अधिक प्रभावी हो जाती है। इसलिए, मुँह के घावों को कभी भी नजरअंदाज न करें और नियमित रूप से अपने दांतों के डॉक्टर से जांच करवाएं। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और किसी भी लक्षण को गंभीरता से लें। कैंसर से बचाव के लिए जागरूकता और समय पर उपचार आवश्यक है।
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