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आस्था नगरी बनारस में बनेगा देश का सबसे बड़ा रेल-रोड ब्रिज, 2642 करोड़ बजट

लखनऊ :  देश की आस्था नगरी बनारस में देश का सबसे बड़ा रेल-रोड ब्रिज बनने जा रहा है। कैबिनेट ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इस पर चार रेलवे लाइन और छह लेन का हाईवे भी बनाया जाएगा। यह पुल वर्तमान में सेवा में मौजूद 137 साल पुराने मालवीय ब्रिज की जगह लेगा। […]

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आस्था नगरी बनारस में बनेगा देश का सबसे बड़ा रेल-रोड ब्रिज, 2642 करोड़ बजट
  • October 16, 2024 5:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

लखनऊ :  देश की आस्था नगरी बनारस में देश का सबसे बड़ा रेल-रोड ब्रिज बनने जा रहा है। कैबिनेट ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इस पर चार रेलवे लाइन और छह लेन का हाईवे भी बनाया जाएगा। यह पुल वर्तमान में सेवा में मौजूद 137 साल पुराने मालवीय ब्रिज की जगह लेगा।

इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। सरकार इस नए पुल पर 2642 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वाराणसी से पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल-रोड ब्रिज से न सिर्फ यात्रा आसान होगी बल्कि इससे परिवहन लागत और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। सरकार का दावा है कि इस पुल से सालाना 638 करोड़ रुपये की बचत भी होगी। साथ ही कई इलाकों की कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी।

150 साल की होगी लाइफ

इस फैसले की जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस पुल की नींव 120 फीट गहरी होगी। इसके ऊपर पिलर बनाए जाएंगे और उसके ऊपर पुल बनाया जाएगा। ट्रैफिक के लिहाज से यह सबसे बड़ा पुल होगा। इसमें चार रेलवे लाइन और छह हाईवे लेन होंगी। रेलवे लाइन नीचे होगी और ऊपर 6 लेन का हाईवे बनाया जाएगा। इस पुल का निर्माण 150 साल की अवधि को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इसे चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस पुल के निर्माण के दौरान करीब 10 लाख मानव दिवस का रोजगार पैदा होगा।

यह मार्ग कई कारणों से व्यस्त रहता हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई। इससे वाराणसी और चंदौली जिलों के बीच कनेक्टिविटी बेहतरीन हो जाएगी। वाराणसी भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यह यात्री और माल परिवहन के लिए भी महत्वपूर्ण है। कोयला, सीमेंट और अनाज के परिवहन के कारण यह मार्ग काफी व्यस्त रहता है। तीर्थयात्रियों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण स्थान है। यही वजह है कि पुल पर 4 रेलवे लाइनें बिछाई जा रही हैं। इस परियोजना से रेलवे नेटवर्क में करीब 30 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी।

 

 

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