नई दिल्ली: अर्थशास्त्र के क्षेत्र में 2024 के नोबेल पुरस्कार की रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने घोषणा कर दी है. यह पुरस्कार साइमन जॉनसन, जेम्स ए. रॉबिन्सन और डारोन ऐसमोग्लू को दिया गया है इन्हें यह सम्मान संस्थान कैसे बनते हैं और लोगों की खुशहाली को कैसे प्रभावित करते हैं. इसके लिए मिला है. […]
नई दिल्ली: अर्थशास्त्र के क्षेत्र में 2024 के नोबेल पुरस्कार की रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने घोषणा कर दी है. यह पुरस्कार साइमन जॉनसन, जेम्स ए. रॉबिन्सन और डारोन ऐसमोग्लू को दिया गया है इन्हें यह सम्मान संस्थान कैसे बनते हैं और लोगों की खुशहाली को कैसे प्रभावित करते हैं. इसके लिए मिला है. पुरस्कार के ऐलान ने अर्थशास्त्र की दुनिया में चर्चा का माहौल बना दिया है. तीनों शोधकर्ताओं के योगदान को सराहा जा रहा है.
डारोन ऐसमोग्लू, अर्मेनियाई मूल के तुर्की-अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं, जो (MIT) में पढ़ाते हैं. वहां पर अर्थशास्त्र के एलिजाबेथ और जेम्स किलियन प्रोफेसर हैं. 1993 से MIT से जुड़े ऐसमोग्लू ने अपने शोध कार्य में राजनीतिक और आर्थिक संस्थाओं के प्रभाव को समझने की कोशिश की है. उनका काम ये दर्शाता है कि कैसे संस्थाएं विकास और समृद्धि को प्रभावित करती हैं. इसके अलावा, साइमन जॉनसन और जेम्स ए. रॉबिन्सन भी अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अहम योगदान देने वाले विद्वान हैं. इन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था की जटिलताओं को समझाने में काफी अहम भूमिका निभाई है.
पिछले साल यह पुरस्कार क्लाउडिया गोल्डिन को मिला था. उन्होंने महिलाओं के श्रम बाजार में स्थिति को समझने में काफी महत्वपूर्ण शोध किया. गोल्डिन के शोध ने ये दिखाया था कि कैसे महिलाओं की कमाई और श्रम में भागीदारी में लिंग अंतर समय के साथ बदला है.
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