शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 12 अक्टूबर को दोपहर 3:32 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे शहर में हलचल मच गई। इस दौरान भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.0 मापी गई। बता दें नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र शिमला के खासाधार के चिड़गांव क्षेत्र में था। […]
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 12 अक्टूबर को दोपहर 3:32 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे शहर में हलचल मच गई। इस दौरान भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.0 मापी गई। बता दें नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र शिमला के खासाधार के चिड़गांव क्षेत्र में था। हालांकि इस भूकंप से जान-माल की हानि नहीं हुई और लोग सुरक्षित है.
भूकंप के झटके महसूस होते ही लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई और जान बचाने के लिए लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। कुछ समय बाद स्थिति सामान्य हो गई और लोगों ने राहत की सांस ली। बता दें भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी के अंदर लगातार प्लेटों की हलचल होती रहती है, जिससे कभी-कभी भूकंप के झटके महसूस होते हैं। वहीं पृथ्वी की सतह के नीचे 12 प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स हैं, जो आपस में टकराती, रगड़ती या खिसकती रहती हैं। इस प्रक्रिया के दौरान जो ऊर्जा उत्पन्न होती है, वह भूकंप का कारण बनती है।
भारत को भूकंप के खतरे के आधार पर पांच सिस्मिक जोन में विभाजित किया गया है। इनमें सिस्मिक जोन-5 को सबसे अधिक भूकंप जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है, जबकि जोन-1 और जोन-2 को कम जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता हैं। हिमाचल प्रदेश का अधिकांश हिस्सा सिस्मिक जोन-4 और 5 में आता है, जहां भूकंप का खतरा अधिक रहता है।
शिमला और इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के झटके आना कोई नई बात नहीं है, क्योंकि यह इलाका भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है।इसलिए यहां के लोगों को हमेशा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
ये भी पढ़ें: महिलाओं को अब नहीं टच कर सकते है बदमाश, दुष्कर्म करने पर लगेगी वाट, सरकार ने खेला खेल