• होम
  • व्यापार
  • रतन ने इंडिका से लेकर लैंड रोवर तक कैसे बदल दी भारतीय कार बाजार की सूरत? जानिए

रतन ने इंडिका से लेकर लैंड रोवर तक कैसे बदल दी भारतीय कार बाजार की सूरत? जानिए

नई दिल्‍ली: टाटा समूह को नई राह दिखाने वाले रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे हैं. उन्‍होंने बुधवार को 86 साल की उम्र में ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में आखिरी सांस ली.

Ratan Tata
inkhbar News
  • October 10, 2024 8:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

नई दिल्‍ली: टाटा समूह को नई राह दिखाने वाले रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे हैं. उन्‍होंने बुधवार को 86 साल की उम्र में ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में आखिरी सांस ली. रतन न सिर्फ टाटा समूह की कंपनी टाटा मोटर्स को बदल दिया बल्कि भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग को भी बदल कर रख दिया. उन्होंने इंडिका, नैनो, जगुआर और लैंड रोवर के अधिग्रहण तक भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में नए मानक स्थापित किए. उनका साहसिक फैसले ने टाटा मोटर्स को दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण ऑटोमोबाइल कंपनियों में लाकर खड़ा कर दिया.

आपको बता दें कि टाटा मोटर्स, जिसे पहले टेल्को के नाम से जाना जाता था, टेल्को साल 1954 से वाणिज्यिक वाहनों निर्माण करती थी और साल 1998 में रतन टाटा की अगुवाई में इंडिका नाम से कपंनी ने पहली बार कार बनाई. इंडिका, जिसे मारुति ज़ेन के आकार की तरह बनाई गई, जो कम ईंधन की खपत करने वाली कार थी. इंडिका की लॉन्च होते ही एक लाख से अधिक लोगों ने बुकिंग कराई.

रतन टाटा ने भारतीय ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस कार को डिजाइन किया था. इसमें ज्यादा जगह के साथ-साथ अधिक क्षमता भी थी, यह उनकी पहली कार थी जिसे भारतीय परिवारों ने अधिक पसंद किया था. इस कार को पुणे में डिजाइन किए गए थे. इसके बाद टाटा मोटर्स ने इंडिका की जगह इंडिका V2 पेश की और ग्राहकों का भरोसा जीत लिया.

साल 1999 में फोर्ड से किया संपर्क

इसके बाद कार डिवीजन में घाटा होने पर रतन टाटा ने साल 1999 में फोर्ड से संपर्क किया और टाटा मोटर्स के कार डिवीजन को खरीदने की पेशकश की. इस पर फोर्ड ने बहुत गंभीर प्रतिक्रिया दी. वहीं एक अधिकारी ने ये भी कह दिया कि जब आप कार बनने के लिए नहीं जानते हैं तो इस बिजनेस में क्यों घूंसे. इस बात को रतन टाटा ने दिल पर ले लिया और टाटा मोटर्स को सफल की दौड़ में लाने की ठान ली, उन्‍होंने ये करके भी दिखा दिया.

अपमान का बदला

9 साल बाद रतन टाटा ने उसी फोर्ड से जगुआर-लैंड रोवर का अधिग्रहण कर लिया, जो एक व्यावसायिक कदम नहीं था बल्कि फोर्ड से मिली अपमान का बदला भी था, जिसने टाटा मोटर्स को वैश्विक स्तर पर लकर खड़ा कर दिया.

ये भी पढ़ेः-नवरात्रि के आठवें दिन इस सरल तरीके से करें मां महागौरी की विधि विधान से पूजा, जानिए महत्व और कथा