नई दिल्ली : अक्सर देखा जाता है कि यौन उत्पीड़न के मामलों में पीड़ित महिलाओं पर ही आरोप लगा दिए जाते हैं। पीड़िता के परिवार के साथ-साथ पीड़िता को भी यह कहा दिया जाता है कि उसके साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए वह खुद जिम्मेदार होती हैं। बलात्कार या यौन उत्पीड़न के पीछे कई […]
नई दिल्ली : अक्सर देखा जाता है कि यौन उत्पीड़न के मामलों में पीड़ित महिलाओं पर ही आरोप लगा दिए जाते हैं। पीड़िता के परिवार के साथ-साथ पीड़िता को भी यह कहा दिया जाता है कि उसके साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए वह खुद जिम्मेदार होती हैं। बलात्कार या यौन उत्पीड़न के पीछे कई बार उनके ‘भड़काऊ’ कपड़ों को वजह बता दिया जाता है। इस धारण को तोड़ने के लिए बेल्जियम में एक अनोखी प्रदर्शनी का आयोजन जाता हैं।। यहां वे कपड़े प्रदर्शनी के लगाए गए जो बलात्कार के वक्त पीड़िताओं/विक्टिम ने पहने होते थे।
हर साल ब्रसेल्स के मोलेनबीक जिले में लगाए जाने वाले इस प्रदर्शन को ‘इज़ इट माय फॉल्ट’? यानी ‘क्या ये मेरी गलती थी’? नाम दिया गया। इन कपड़ों में कई ट्रैकसूट, पजामे और ड्रेस शामिल है, जो पीड़ित महिलाओं द्वारा ही आयोजकों को दी जाती हैं। इस प्रदर्शनी का आयोजन पीड़िता सहायता समूह सीएडब्ल्यू ईस्ट ब्रोबेंट की ओर से किया जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बेल्जियम में होने वाले बलात्कारों के केवल 10 फीसदी मामले ही पुलिस में रिपोर्ट किए जाते है। इस मामले में 10 में से एक ही आरोपी को सजा होती है। देश हो चाहे विदेश, महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवाहर में महिलाओं को ही दोषी माना जाता है। पीड़ित महिलाओं पर ही भड़काऊ कपड़े पहनने, छेड़खानी करने या देर रात घर आने का आरोप लगा दिया जाता है। महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न में केवल अपराधी ही जिम्मेदार होता है।
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