चंडीगढ़। 4 जून 2023 की तारीख पीएम मोदी और बीजेपी के लिए बुरे सपने की तरह था। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद जब प्रधानमंत्री बीजेपी मुख्यालय पहुंचे तो उनका बुझा हुआ चेहरा सब कुछ बयां कर रहा था। इस चुनाव में भाजपा और आरएसएस के बीच की टकराव भी बाहर आई लेकिन हरियाणा चुनाव […]
चंडीगढ़। 4 जून 2023 की तारीख पीएम मोदी और बीजेपी के लिए बुरे सपने की तरह था। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद जब प्रधानमंत्री बीजेपी मुख्यालय पहुंचे तो उनका बुझा हुआ चेहरा सब कुछ बयां कर रहा था। इस चुनाव में भाजपा और आरएसएस के बीच की टकराव भी बाहर आई लेकिन हरियाणा चुनाव ने बाजी पलट दी है। लोकसभा चुनाव में मात खाए आरएसएस ने हरियाणा में पूरी ताकत लगा दी।
हरियाणा में एक तरफ जहां पीएम मोदी, शाह, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, नितिन गडकरी जैसी नेता ताबड़तोड़ रैली कर रहे थे तो दूसरी तरह आरएसएस जमीनी स्तर पर जी जान से जुटी हुई थी। पिछले चार महीनों में आरएसएस ने हरियाणा में 16000 सभाएं है। अपने पारंपरिक तरीके से काम करते हुए आरएसएस ने अपने कार्यकर्ताओं को घर-घर भेजना शुरू कर दिया था। आरएसएस उन सभी सीटों पर गई जहां भाजपा कमजोर थी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नतीजे से पहले हिंदू समाज को एकजुट होकर वोट करने का आह्वान किया था। उन्होंने सभी को अपना वापसी मतभेद भुला देने को कहा।
भाजपा ने हरियाणा में अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन 2014 के चुनाव में किया था। उस समय भाजपा 33.3 फीसदी वोट शेयर के साथ 47 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी। 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा लेकिन सीटें घट गई और गठबंधन में सरकार बनाना पड़ा। अब 2024 के चुनाव में बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है।
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