नई दिल्ली: पैदा होने वाली हर चीज और इस दुनिया में घटने वाली हर घटना के पीछे विज्ञान का राज है। वैज्ञानिक आज एक-एक चीज की सच्चाई से पर्दा हटाते हुए इस मोड़ पर पहुंच गए हैं, आज के समय में वह मौत की सटीक भविष्यवाणी करने का दावा करने लगे हैं। हर किसी पर […]
नई दिल्ली: पैदा होने वाली हर चीज और इस दुनिया में घटने वाली हर घटना के पीछे विज्ञान का राज है। वैज्ञानिक आज एक-एक चीज की सच्चाई से पर्दा हटाते हुए इस मोड़ पर पहुंच गए हैं, आज के समय में वह मौत की सटीक भविष्यवाणी करने का दावा करने लगे हैं। हर किसी पर उम्र का असर अलग-अलग नजर आता है। इसे बच पाना नामुमकिन है, परंतु अब मौत आने से पहले इसका कारण और समय आप जान सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने पिछले दस वर्षों में एपीजेनेटिक क्लॉक नामक टूल विकसित किया है। ये टूल लाइफस्टाइल की आदतों के कारण होने वाले डीएनए में ब्लड सेल्स की मदद से बदलाव को ट्रैक करता है। यह एक काफी कठिन प्रोसेस है। इसलिए अब, इस क्लॉक का नया वर्जन अमेरिका में वैज्ञानिकों के एक समूह ने बनाकर तैयार किया है जिसे चीकएज कहा जाता है। डीएनए में होने वाले बदलाव के बारे में जो गाल के अंदर की कोशिकाओं का उपयोग करके होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी देता है। यह बहुत ही आसान है।
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शोधकर्ताओं ने इस मामले में फ्रंटियर्स इन एजिंग में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में बताया कि चीकएज मौत के जोखिम का सटीक अनुमान लगा सकता है। डॉ मैक्सिम शोकिरेव जो रिसर्च की लीड का नेतृत्व कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि हमें इस बात से निकटता से जुड़े हुए विशिष्ट मार्कर मिले हैं। इससे पता चलेगा कि कोई कितने समय तक जीवित रह सकता है।
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