नई दिल्ली: हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का बहुत मान्यता है. नवरात्रि की शुरूआत 3 अक्टूबर को हो गई थी. नौ दिनों तक मां के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है. मां की अराधना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. नवरात्रि के दौरान मां की पूजा करने से भक्तो की सारी […]
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का बहुत मान्यता है. नवरात्रि की शुरूआत 3 अक्टूबर को हो गई थी. नौ दिनों तक मां के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है. मां की अराधना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. नवरात्रि के दौरान मां की पूजा करने से भक्तो की सारी मनोकामना पूर्ण होती है. नवरात्रि के त्योहार को पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है.
नवरात्रि का त्योहार केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है. बल्कि सांस्कृतिक पहलू भी है. सांस्कृतिक पहलू भी काफी महत्वपूर्ण है. उतना ही धार्मिक है. नवरात्रि में गरबा और डांडिया खेला जाता है. नवरात्रि में खेली जाने वाली नृत्य शैलियां हैं. गरबा और डांडिया इस पर्व को संपूर्णता और उल्लास प्रदान करती है. गरबा और डांडिया के बिना यह पर्व अधूरा रहता है.
गरबा का मतलब गर्म या अंदर का दीपक गरबा माता के अराधना का प्रतीक है. नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान लोग मिट्टी के एक मटके में दीपक जलाते है जिसे गरबी कहते है. मिट्टी के मटके को मां दुर्गा की शक्ति और उर्जा के रूप में जाना जाता है. इसके चारों और लोग गरबा नृत्य करते हैं. गरबा नृत्य करने को दौरान लोग चारों तरफ गोल घेरा बनाकर मां की भक्ति में लीन होकर नृत्य करते हैं.यह एक पारंपरिक नृत्य है. गरबा की परंपरा सबसे ज्यादा गुजरात में है. मगर धीरे-धीरे यह अन्य राज्य में भी लोकप्रिय हो गया है. यह नृत्य भक्तों की मां दुर्गा पर अटूट विश्वास और आस्था को दर्शाता है.
डांडिया नृत्य को दौरान पुरुष और महिलाएं लकड़ी की छड़ियों का उपयोग करके एक-दूसरे के साथ खेलते है. डांडिया नृत्य देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच हुई लड़ाई का प्रतीक है. डांडिया नृत्य के दौरन खेली जाने वाली छड़ियां माता के तलवार का प्रतीक माना गया है. जो बुराई को खत्म करता है.
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