नई दिल्ली: नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है और भक्तगण व्रत रखते हैं। अगर आप भी इस बार नवरात्रि का व्रत रख रहे हैं, तो कुछ खास नियमों और बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सही तरीके से व्रत रखने […]
नई दिल्ली: नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है और भक्तगण व्रत रखते हैं। अगर आप भी इस बार नवरात्रि का व्रत रख रहे हैं, तो कुछ खास नियमों और बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सही तरीके से व्रत रखने से आपको शारीरिक और मानसिक लाभ मिल सकते हैं। आइए जानते हैं वे नियम जो आपको इस पवित्र पर्व के दौरान अपनाने चाहिए
नवरात्रि व्रत में केवल सात्विक भोजन का सेवन करें। इसका मतलब है कि आप तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन और नॉनवेज से परहेज करें। इस दौरान कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, आलू, साबूदाना और फलाहार प्रमुख रूप से खाए जाते हैं। यह भोजन हल्का और पचने में आसान होता है।
नवरात्रि के दिनों में केवल व्रत रखना ही नहीं, बल्कि मां दुर्गा की पूजा, आरती और मंत्र जाप करना भी उतना ही जरूरी है। सुबह और शाम मां दुर्गा की आरती करें और दुर्गा सप्तशती या देवी कवच का पाठ करें। इससे मन की शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
नवरात्रि व्रत के दौरान शारीरिक और मानसिक शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। पूजा से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। घर की सफाई का भी ख्याल रखें और पूजा स्थल को साफ-सुथरा बनाए रखें।
व्रत के दौरान शरीर में पानी की कमी न होने दें। दिनभर में नियमित रूप से पानी, नारियल पानी या नींबू पानी पिएं। इससे आपका शरीर हाइड्रेटेड रहेगा और आपको कमजोरी महसूस नहीं होगी।
व्रत के दौरान क्रोध, अहंकार, झूठ और अन्य नकारात्मक भावनाओं से दूर रहें। व्रत का उद्देश्य केवल भूखा रहना नहीं है, बल्कि आत्मसंयम और मानसिक शुद्धता प्राप्त करना है। इसलिए अच्छे विचारों का पालन करें और विनम्रता बनाए रखें।
व्रत के दौरान एक ही समय पर भोजन करना आवश्यक होता है। अगर आप एक बार व्रत तोड़ते हैं, तो बाकी दिन भी उसी समय भोजन करें। इससे आपका शरीर नियमित रूप से ऊर्जा प्राप्त करता रहेगा।
नवरात्रि व्रत के दौरान नौ दिन तक माता की पूजा की विधि का सही तरीके से पालन करें। अष्टमी या नवमी को कन्या पूजन करें और नौ कन्याओं को भोजन कराएं, जो नवरात्रि का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
नवमी के दिन व्रत का समापन होता है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और देवी को हलवा-पूरी, चने का भोग अर्पित किया जाता है। इसे देवी को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम दिन माना जाता है।
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