नवरात्रि में आज से सज गए माता के दरबार, घरों-मंदिरों में लगी भक्तों की भीड़, बाजारों में हो रही रौनक

नई दिल्ली: आज से शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो गया है। पूरे देश में माता दुर्गा के भक्तों के बीच उत्साह और आस्था का माहौल देखने को मिल रहा है। घरों और मंदिरों में मां दुर्गा के स्वागत की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। भक्त आज घट स्थापना के साथ व्रत और पूजा […]

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नवरात्रि में आज से सज गए माता के दरबार, घरों-मंदिरों में लगी भक्तों की भीड़, बाजारों में हो रही रौनक

Shweta Rajput

  • October 3, 2024 11:40 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: आज से शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो गया है। पूरे देश में माता दुर्गा के भक्तों के बीच उत्साह और आस्था का माहौल देखने को मिल रहा है। घरों और मंदिरों में मां दुर्गा के स्वागत की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। भक्त आज घट स्थापना के साथ व्रत और पूजा का संकल्प लेंगे।

घट स्थापना का महत्व

नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, जिसे कलश स्थापना भी कहा जाता है। यह एक शुभारंभ माना जाता है, जिसमें भक्त अपने घरों में या पूजा स्थलों पर मिट्टी के घड़े (कलश) की स्थापना करते हैं। इसके साथ ही माँ दुर्गा का आह्वान किया जाता है और व्रत व पूजा की विधिवत शुरुआत होती है।

मंदिरों में विशेष सजावट

देशभर के मंदिरों में आज विशेष सजावट की गई है। माता दुर्गा की प्रतिमाओं को फूलों, रंग-बिरंगी लाइटों और पारंपरिक कपड़ों से सजाया गया है। भक्त मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं और मां से अपने परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की प्रार्थना कर रहे हैं।

बाजारों में दिखी रौनक

नवरात्र के आगमन से पहले ही बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई। पूजा सामग्री जैसे नारियल, चुनरी, अगरबत्ती, फूल, फल, कलश आदि की दुकानों पर भीड़ देखी जा रही है। खासकर देवी मां के श्रृंगार से जुड़े वस्त्र, लाल चुनरी, और अन्य पूजा-सामग्री की खूब बिक्री हो रही है। इसके अलावा, व्रत में उपयोग होने वाले अनाज और फल की भी भारी मांग है। अमीनाबाद, भूतनाथ बाजार, पत्रकारपुरम, निशातगंज, अलीगंज, आलमबाग और कृष्णानगर समेत शहर के प्रमुख बाजार में लोगों ने पूजन सामग्री की खरीदारी की।

9 दिनों का व्रत और आराधना

नवरात्रि के इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक दिन माता के एक विशेष रूप की आराधना होती है। पहले दिन शैलपुत्री माता की पूजा की जाती है, जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री मानी जाती हैं। भक्त उपवास रखते हैं और दिन भर माता की आराधना करते हैं। नवरात्र के आखिरी दिन को ‘नवमी’ के रूप में मनाया जाता है, जब कन्या पूजन किया जाता है और माता को विदाई दी जाती है।

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