नई दिल्ली। हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद ईरान ने इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। मंगलवार देर रात 10 बजे के करीब इजरायल पर 400 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गई है। अमेरिका और इजरायल ने ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे दी है। अब […]
नई दिल्ली। हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद ईरान ने इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। मंगलवार देर रात 10 बजे के करीब इजरायल पर 400 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गई है। अमेरिका और इजरायल ने ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे दी है। अब सवाल उठता है कि अगर ईरान इजरायल और अमेरिका के बीच स्थिति बिगड़ती है तो भारत किसके साथ खड़ा होगा?
आपको बता दें कि ईरान और इजरायल दोनों से भारत की अच्छी मित्रता है। ईरान के साथ भारत की दोस्ती पुरानी है तो इजरायल के साथ हथियारों की खरीद फरोख्त में अच्छी बॉन्ड बनी। पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत ने कई मुद्दों पर इजरायल का साथ दिया। युद्ध की स्थिति में भारत एकदम न्यूट्रल है। भारत सरकार ऐसी योजनाएं बना रही है कि अगर युद्ध लंबा चला तो इसका प्रभाव भारत पर न पड़े। साथ ही भारत व्यापार प्रभाव को देखकर भी निर्णय लेगा। हां,तटस्थ रहने के बीच अगर पाला चुनने की हो तो भारत उस खेमे में रहेगा जहां पर हमारा नुकसान कम हो।
बता दें कि पूरे इजराइल पर 30 मिनट तक हमले हुए। इस दौरान नागरिकों को बम शेल्टर में भेज दिया गया। ईरान ने इस हमले को नसरल्लाह की शहादत का पहला बदला बताया है। साथ ही ये भी धमकी दी है कि ये तो सिर्फ शुरुआत है। दरअसल 27 सितंबर को इजरायल ने बेरूत में हिजबुल्लाह के हेड क्वार्टर को उड़ा दिया था। इस दौरान हिजबुल्लाह चीफ की मौत हो गई। इजरायल ने साफ कर दिया है कि वो शांत नहीं बैठेगा, समय और जगह तय करके इस हमले का बहुत खतरनाक अंजाम देगा।