नई दिल्ली: 2 घंटे 45 मिनट की फिल्म ‘देवरा’ चार समुद्री किनारे बसे गांवों की कहानी पर आधारित है. जहां के लोग अपने पुरखों की वीरता के किस्से सुनते हुए बड़े हुए हैं। जूनियर एनटीआर का किरदार देवरा और सैफ अली खान का किरदार भैरा है, जो दोनों गांवों के नेता हैं। देवरा और भैरा […]
नई दिल्ली: 2 घंटे 45 मिनट की फिल्म ‘देवरा’ चार समुद्री किनारे बसे गांवों की कहानी पर आधारित है. जहां के लोग अपने पुरखों की वीरता के किस्से सुनते हुए बड़े हुए हैं। जूनियर एनटीआर का किरदार देवरा और सैफ अली खान का किरदार भैरा है, जो दोनों गांवों के नेता हैं। देवरा और भैरा समुद्री जहाजों से माल चोरी करते हैं, लेकिन जब देवरा को पता चलता है कि वे हथियारों की स्मगलिंग का हिस्सा बन गए हैं, तो वह इसे रोकने का फैसला करता है। हालांकि भैरा इस निर्णय से असहमत होता है और दोनों के बीच संघर्ष शुरू हो जाता है।
बता दें, इसमें जूनियर एनटीआर ‘हीरो’ के तौर पर भरपूर एक्शन करते नज़र आ रहे हैं. वहीं फिल्म में एनटीआर ने 2 जेनरेशन्स की भूमिका निभाई है. पहले देवरा और फिर देवरा का बेटा वरा. वहीं फिल्म की सबसे बड़ी कमी इसकी कहानी और निर्देशन में है। वारा (जूनियर एनटीआर) का किरदार, जो डरपोक से योद्धा बनता है, उससे पूरी तरह सस्पेंस से भरपूर रखा जाता है। फिल्म में जहां जूनियर एनटीआर और सैफ अली खान की एक्टिंग फिल्म को कुछ हद तक संभालती है. वहीं जाह्नवी कपूर को ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं मिला, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ दी है। इसके अलावा फिल्म का संगीत और हिंदी डबिंग भी कुछ जगहों पर आपको निराश करती है।
फिल्म का कलाइमेक्स आपको आकर्षित कर सकता है, क्योंकि आखिरी में कहानी आपको एक ऐसे मूड पर छोटी है, जिसके बाद आप इसका सेकंड पार्ट जरूर देखना चाहेंगे। हालांकि इसके लिए आपको सब्र की ज़रूरत पड़ेगी, क्योंकि फर्स्ट हाफ थोड़ा स्लो है. वहीं बीच-बीच में आपको फिल्म को देखते पुष्पा और बाहुबली की भी याद जरूर आ सकती है. कुल मिलाकर, ‘देवरा’ जूनियर एनटीआर के स्टारडम पर चल सकती है, लेकिन RRR जैसी फिल्म के बाद यह दर्शकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरत पाएगी।
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