नई दिल्ली : बिलकिस बानो मामले में भाजपा शासित गुजरात सरकार को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार (26 सितंबर 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने मामले के दोषियों की रिहाई से जुड़े आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाने से इनकार अब कर दिया। बता दें कि बिलकिस बानो मामले में दोषियों के मामले में […]
नई दिल्ली : बिलकिस बानो मामले में भाजपा शासित गुजरात सरकार को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार (26 सितंबर 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने मामले के दोषियों की रिहाई से जुड़े आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाने से इनकार अब कर दिया।
बता दें कि बिलकिस बानो मामले में दोषियों के मामले में गुजरात सरकार को कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। बिलकिस मामले में गुजरात सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। इसमें फैसले में गुजरात सरकार के खिलाफ की गई कठोर टिप्पणियों को हटाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को 11 दोषियों को वापस जेल भेज दिया था। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के जल्द रिहाई के आदेश को रद्द कर दिया था। इसके साथ ही आदेश में गुजरात सरकार के खिलाफ कठोर टिप्पणियां भी की गई थीं।
कोर्ट ने बिलकिस मामले में दोषियों की रिहाई से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाने से भी इनकार कर दिया। दरअसल, गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो बलात्कार मामले में 11 दोषियों की जल्द रिहाई को खारिज करने वाले फैसले में गुजरात सरकार के खिलाफ कुछ टिप्पणियों को अनुचित बताते हुए हटाने का अनुरोध किया था।
गुजरात सरकार की याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कठोर टिप्पणी करते हुए कहा था कि गुजरात ने “सांठगांठ करके काम किया और दोषियों के साथ मिलीभगत की।” याचिका में यह भी कहा गया कि अदालत की यह टिप्पणी न केवल अनुचित और मामले के रिकॉर्ड के खिलाफ है, बल्कि याचिकाकर्ता-गुजरात सरकार के खिलाफ भी पक्षपातपूर्ण है।
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