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छोटे किसानों को सरकार के इस प्लान से होगा फायदा, डेयरी प्रोडक्ट वालों के लिए धमाका

नई दिल्ली :  भारत का डेयरी उद्योग देश के करोड़ों छोटे किसानों को आजीविका प्रदान करता है। देश में सहकारी समितियों की मदद से दूध उत्पादन क्षेत्र को फॉर्मल सेक्टर में तब्दील किया गया है। ऐसे में इन छोटे किसानों को विदेशों से सस्ते आयात या विदेशी निवेश के कारण नुकसान न हो, इसके लिए […]

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छोटे किसानों को सरकार के इस प्लान से होगा फायदा, डेयरी प्रोडक्ट वालों के लिए धमाका
  • September 25, 2024 10:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली :  भारत का डेयरी उद्योग देश के करोड़ों छोटे किसानों को आजीविका प्रदान करता है। देश में सहकारी समितियों की मदद से दूध उत्पादन क्षेत्र को फॉर्मल सेक्टर में तब्दील किया गया है। ऐसे में इन छोटे किसानों को विदेशों से सस्ते आयात या विदेशी निवेश के कारण नुकसान न हो, इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि भारत में डेयरी एक बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र है, क्योंकि इसमें छोटे किसानों की आजीविका का मुद्दा जुड़ा हुआ है। सरकार की इस क्षेत्र में किसी भी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत कर छूट या शुल्क राहत देने की कोई योजना नहीं है।

यूरोप के लिए बनाई गई है यह योजना

भारत फिलहाल यूरोप के साथ एफटीए के लिए नौवें दौर की बातचीत कर रहा है। इस बारे में पीयूष गोयल का कहना है कि भारत ने ईएफटीए (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) व्यापार समझौते के तहत स्विट्जरलैंड और नॉर्वे को डेयरी क्षेत्र में कोई शुल्क रियायत नहीं दी है। इस पर मार्च में हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र को लेकर ऑस्ट्रेलिया के साथ भी चर्चा हुई थी, लेकिन भारत ने उन्हें इस क्षेत्र से जुड़ी संवेदनशील बातों के बारे में स्पष्ट रूप से बताया।

छोटे किसानों की मदद की जाती है।

हमारे किसानों के पास औसतन बहुत कम ज़मीन है। यह 2-3 एकड़ का खेत है जिसमें 3-4 मवेशी हैं जबकि ऑस्ट्रेलिया के खेत और डेयरी फार्म दोनों बहुत बड़े हैं और इन बड़े और छोटे खेतों के लिए एक ही स्तर पर एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करना लगभग असंभव होगा, पीयूष गोयल ने एडिलेड में ऑस्ट्रेलियाई व्यापार मंत्री डॉन फैरेल के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था। उन्होंने कहा, हमने तीन साल पहले और पिछले मौकों पर भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी और डेयरी एक ऐसा क्षेत्र है जिसके लिए हम दुनिया भर में अपने किसी भी एफटीए में शुल्क रियायतों के साथ इस क्षेत्र को नहीं खोल पाए हैं।

उन्होंने कहा, हमने तीन साल पहले और पिछले मौकों पर भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी और डेयरी एक ऐसा क्षेत्र है जिसके लिए हम दुनिया भर में अपने किसी भी एफटीए में शुल्क रियायतों के साथ इस क्षेत्र को नहीं खोल पाए हैं।

उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र व्यापार के लिए खुला है, लेकिन इस पर कुछ सीमा शुल्क लगाए गए हैं। हमने डेयरी को यूरोप के लिए नहीं खोला है और हम ऐसा करने की योजना भी नहीं बना रहे हैं… न ही हमने इसे स्विट्जरलैंड और नॉर्वे के लिए खोला है, जिनके साथ हमने हाल ही में EFTA व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

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