Advertisement
  • होम
  • खबर जरा हटकर
  • 1000 साल पुराने बीज से उगा ‘अमृत’ का पेड़! वैज्ञानिकों का दावा- इसके पत्तों में छिपा है कैंसर का इलाज!

1000 साल पुराने बीज से उगा ‘अमृत’ का पेड़! वैज्ञानिकों का दावा- इसके पत्तों में छिपा है कैंसर का इलाज!

1980 के दशक में पुरातत्वविदों को खुदाई के दौरान एक बीज मिला, जिसकी उम्र 1000 साल से ज्यादा बताई जाती है. यह बीज करीब 993

Advertisement
1000 साल पुराने बीज से उगा ‘अमृत’ का पेड़! वैज्ञानिकों का दावा- इसके पत्तों में छिपा है कैंसर का इलाज!
  • September 24, 2024 10:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: 1980 के दशक में पुरातत्वविदों को खुदाई के दौरान एक बीज मिला, जिसकी उम्र 1000 साल से ज्यादा बताई जाती है. यह बीज करीब 993 से 1202 ईस्वी के बीच का हो सकता है. अब, लगभग एक हजार साल बाद, इस बीज से 10 फीट ऊंचा पेड़ उग आया है.

कहां मिला था यह खास बीज?

यह बीज इजराइल और पश्चिमी तट के बीच जूडियन डेजर्ट नामक इलाके में मिला था. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पेड़ बाइबल में वर्णित पेड़ों के परिवार से हो सकता है. इस बीज का नाम “शेबा” रखा गया, जो बाइबल की एक रानी के नाम पर है. इसे एक गुफा से खुदाई के दौरान खोजा गया था, और पेड़ बनने में इसे 14 साल लग गए.

चिकित्सीय गुणों से भरा यह पेड़

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पेड़ एक पुरानी प्रजाति का है, जो अब खत्म हो चुकी है और पहले इजराइल, फिलिस्तीन और जॉर्डन में पाई जाती थी. यह पेड़ “त्सोरी” नामक औषधीय पेड़ से जुड़ा हो सकता है, जिसका जिक्र बाइबल में इसके चमत्कारी गुणों के लिए किया गया है. माना जा रहा है कि यह पेड़ कैंसर रोधी और सूजन को कम करने वाले गुणों से भरा हो सकता है. इसके तनों और पत्तियों में एंटीऑक्सिडेंट्स भी पाए गए हैं, जो त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकते हैं.

क्या यह बाइबल में बताए गए पेड़ों का हिस्सा है

वैज्ञानिकों का कहना है कि पहले वे मानते थे कि ‘शेबा’ वही पेड़ हो सकता है जिसे “जूडियन बाम” के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इस विचार को खारिज कर दिया गया क्योंकि इस पेड़ में सुगंध नहीं थी. हालांकि, इसके औषधीय गुण अभी भी वैज्ञानिकों के लिए एक खोज का विषय बने हुए हैं.

और भी पुराने पेड़ उगाए जा सकते हैं

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पेड़ ने 14 साल में न तो फूल दिए हैं और न ही बीज. अगर यह जूडियन बाम की ही प्रजाति है, तो वैज्ञानिक मानते हैं कि इस क्षेत्र में अभी और भी ऐसे विलुप्त पेड़ हो सकते हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाई है.

 

ये भी पढ़ें:  क्या इंसानों के अंदर आ सकती है जानवरों की आत्मा, जानें स्पीशीज डिस्फोरिया का रहस्य

ये भी पढ़ें:  भारत का सबसे शातिर ठग: जिसने ताजमहल, लाल किला और संसद को कई बार बेचकर सबको चौंका दिया!

Advertisement