नई दिल्ली : जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए कई लोग खतरा उठाने से नहीं कतराते। आज हम आपको एक ऐसे ही एक्टर के बारे में बताएंगे, जिसने महज 3 दिन में अपनी बैंक की नौकरी छोड़ दी थी। फिर फिल्मों में नाम कमाने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया। यहां तक कि गुजारा करने […]
नई दिल्ली : जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए कई लोग खतरा उठाने से नहीं कतराते। आज हम आपको एक ऐसे ही एक्टर के बारे में बताएंगे, जिसने महज 3 दिन में अपनी बैंक की नौकरी छोड़ दी थी। फिर फिल्मों में नाम कमाने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया। यहां तक कि गुजारा करने के लिए उन्हें अपनी गर्लफ्रेंड से पैसे उधार भी लेने पड़े।
हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं, वो नेशनल अवॉर्ड विनर हैं और 240 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्हें 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से भी सम्मानित किया था। दरअसल ये एक्टर कोई और नहीं बल्कि परेश रावल हैं। परेश बॉलीवुड के सबसे टैलेंटेड एक्टर्स में से एक हैं। हालांकि, इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष भी किया है। हालांकि, इस एक्टर की मेहनत रंग लाई और आज वो न सिर्फ बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर हैं बल्कि करोड़ों की संपत्ति के मालिक भी हैं।
परेश रावल का जन्म 30 मई, 1955 को बॉम्बे (अब मुंबई) में एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में हुआ था। उन्होंने मुंबई के विले पार्ले में नरसी मोनजी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद परेश जल्द से जल्द नौकरी पाने की कोशिश में लग गए। अनुपम खेर के शो में एक्टर ने बताया कि उनके परिवार में पॉकेट मनी का कॉन्सेप्ट नहीं था। इसलिए उन्होंने बैंक में नौकरी करने का फैसला किया। उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा में डेढ़ महीने तक काम किया, लेकिन तीन दिन बाद ही नौकरी छोड़ दी, क्योंकि उन्हें लगा कि वे फिट नहीं बैठेंगे।
इसके बाद गुजारा करने के लिए वे अपनी तत्कालीन गर्लफ्रेंड, एक्ट्रेस और मिस इंडिया 1979 की विजेता स्वरूप संपत से पैसे उधार लेते थे। आखिरकार 1987 में उनकी शादी हो गई और उनके दो बेटे आदित्य और अनिरुद्ध हुए।
परेश ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1982 में गुजराती फिल्म नसीब नी बलिहारी से की थी। उनकी पहली हिंदी फिल्म होली (1984) थी, जिसमें आमिर खान ने अभिनय किया था और मीरा नायर ने निर्देशन किया था। सनी देओल की अर्जुन (1985) में अभिनय करने के बाद उन्हें सफलता मिली। इसके बाद उन्होंने संजय दत्त की फिल्म नाम (1986) में खलनायक के रूप में लोकप्रियता हासिल की। परेश ने अक्सर डकैत, कब्ज़ा, राम लखन, स्वर्ग, ज़ुल्म की हुकूमत और दामिनी जैसी फिल्मों में मुख्य खलनायक, ग्रे-शेडेड किरदार या सहायक खलनायक की भूमिका निभाई।
2000 में, परेश रावल ने प्रियदर्शन की हेरा फेरी में महाराष्ट्रीयन गैराज मालिक बाबूराव गणपतराव आप्टे की भूमिका निभाई। बाबूराव के रूप में उनके अभिनय की बहुत प्रशंसा हुई और उन्होंने इसके लिए कई पुरस्कार जीते। उन्होंने हेरा फेरी (2006) में भूमिका दोहराई और हेरा फेरी 3 में भी वही भूमिका निभाएंगे। उन्होंने सोशल कॉमेडी ‘ओएमजी: ओह माई गॉड’ में भी अभिनय किया और टेबल नंबर 21 में ग्रे-शेडेड किरदार निभाया।
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