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ब्याज दरों में कटौती: आम आदमी को क्या फायदा, जानें आपकी जेब पर इसका असर!

हाल ही में अमेरिका में फेडरल रिजर्व ने पॉलिसी रेट में 50 बेसिस पॉइंट (0.50%) की कटौती का ऐलान किया है। यह कदम महंगाई को काबू

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  • September 19, 2024 10:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: हाल ही में अमेरिका में फेडरल रिजर्व ने पॉलिसी रेट में 50 बेसिस पॉइंट (0.50%) की कटौती का ऐलान किया है। यह कदम महंगाई को काबू में करने के उद्देश्य से उठाया गया है। लेकिन सवाल यह है कि यह कटौती आम आदमी की जेब पर किस तरह असर डालेगी? आइए समझते हैं।

अमेरिका का फैसला और भारत पर दबाव

अमेरिका के इस फैसले से भारत में भी ब्याज दरों में कमी का दबाव बढ़ सकता है। फिलहाल, भारत में रेपो रेट 6.5% पर स्थिर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की अगली बैठक अक्टूबर में होगी, जहां इस पर फैसला लिया जा सकता है। अगर अमेरिका में दरें कम हुई हैं, तो भारत को भी इसका असर महसूस होगा।

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महंगाई और ब्याज दर का संबंध

महंगाई को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को बढ़ाते हैं। जब महंगाई बढ़ती है, तो बैंक लोन की ब्याज दरें भी बढ़ा देते हैं, जिससे लोगों की खरीदारी कम होती है और महंगाई काबू में आती है। जब महंगाई कम होती है, तो ब्याज दरें घटाई जाती हैं, जिससे लोन सस्ता होता है।

ब्याज दरों का लोन पर असर

जब रेपो रेट में कमी आती है, तो बैंकों के लिए भी लोन सस्ते होते हैं। इसका सीधा असर आपके लोन की ईएमआई (EMI) पर पड़ता है। होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की ब्याज दरें रेपो रेट से जुड़ी होती हैं। जब रेपो रेट घटता है, तो बैंक भी अपनी ब्याज दरें कम कर देते हैं, जिससे आपकी ईएमआई कम हो सकती है।

RBI Monetary Policy Meet underway: Key things to watch out for | Stock  Market News

उदाहरण से समझें

मान लीजिए आपने 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए 6.7% की ब्याज दर पर लिया। यदि उस समय रेपो रेट 4% था, तो आपकी ईएमआई 22,722 रुपये होगी। लेकिन अगर ब्याज दर बढ़कर 9.2% हो जाए, तो आपकी ईएमआई बढ़कर 27,379 रुपये हो जाएगी। इसका मतलब है कि आपकी जेब पर प्रति माह 4,657 रुपये का बोझ बढ़ जाएगा।

फिक्स्ड डिपॉजिट पर प्रभाव

रेपो रेट में बदलाव का असर सिर्फ लोन पर नहीं, बल्कि फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों पर भी पड़ता है। जब बैंक लोन महंगा करते हैं, तो वे ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए FD पर ब्याज दरें बढ़ाते हैं। वर्तमान में कई सरकारी बैंकों में 7-8% और कुछ स्माल फाइनेंस बैंकों में 9% तक का ब्याज मिल रहा है।

ब्याज दरों में कटौती का सीधा असर आम आदमी की जेब पर होता है। लोन की ईएमआई कम होने से आपकी मासिक खर्चे घट सकते हैं, जबकि फिक्स्ड डिपॉजिट पर अधिक ब्याज मिलने से आपकी बचत बढ़ सकती है। इसलिए, इस तरह के आर्थिक फैसले आपके वित्तीय भविष्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं।

 

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