नई दिल्ली। यकीनन ही ज्यादातर लोगों ने 72 हूरों के बारे में सुना होगा। इस्लाम में इन 72 हूरों का जिक्र है। कहा जाता है कि जो मुसलमान अल्लाह के बताए रास्ते पर चलते हैं, उनकी मुलाकात जन्नत में 72 हूरों से होती हैं। हालांकि मन में ये सवाल उठता होगा कि ये 72 हूरें […]
नई दिल्ली। यकीनन ही ज्यादातर लोगों ने 72 हूरों के बारे में सुना होगा। इस्लाम में इन 72 हूरों का जिक्र है। कहा जाता है कि जो मुसलमान अल्लाह के बताए रास्ते पर चलते हैं, उनकी मुलाकात जन्नत में 72 हूरों से होती हैं। हालांकि मन में ये सवाल उठता होगा कि ये 72 हूरें कौन होती हैं? इसका काम क्या होता है और ये कैसी दिखती हैं?
इस्लाम के अनुसार यदि कोई बंदा खुदा की खिदमत करने में अपनी जिंदगी लगा दें तो उन्हें जन्नत नसीब होती है। जन्नत में उन्हें फिर 72 हूरें मिलती हैं। इस्लामिक धर्मगुरुओं के मुताबिक कुरान में भी ‘हूर’ का जिक्र है।हालांकि संख्या का जिक्र नहीं किया गया है। मौलाना लोग जन्नत की हूर कैसी दिखती हैं, इसकी व्याख्या करते रहते हैं।
मौलाना लोग कथित हूरों की खूबसूरती की व्यख्या इस तरह से करते हैं कि इनकी चमक के सामने सूरज कुछ नहीं है। ये 130 फ़ीट लम्बी होती हैं। ये शौच-पेशाब तक नहीं करती हैं। जिन मुसलमानों को जन्नत मिलता है, उनके साथ ये हूरें हमबिस्तर होती हैं। वहाँ पर कई हूरें मिलेंगी और उनके साथ आप जैसा चाहो सलूक कर सकते हो। जन्नत नसीब होने वाले बन्दे को वो अपने गोद में बैठाकर रखती हैं।
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