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इजरायल पेजर स्ट्राइक न करता तो खुल जाती पोल, आ जाती कयामत…

नई दिल्ली. इजराइयल के पेजर स्ट्राइक के बाद हिज्बुल्लाह की कमर टूट गई है. 11 लड़ाके मारे गये हैं और 150 की आंख चली गई है जबकि 4000 जख्मी हैं. इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार माना जा रहा है लेकिन उसकी तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. सबसे बड़ा सवाल […]

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इजरायल पेजर स्ट्राइक न करता तो खुल जाती पोल, आ जाती कयामत…
  • September 18, 2024 6:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली. इजराइयल के पेजर स्ट्राइक के बाद हिज्बुल्लाह की कमर टूट गई है. 11 लड़ाके मारे गये हैं और 150 की आंख चली गई है जबकि 4000 जख्मी हैं. इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार माना जा रहा है लेकिन उसकी तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. सबसे बड़ा सवाल है कि यदि इजरायल ने इस हमले को अंजाम दिया तो पेजर में विस्फोटक कैसे लगा. दूसरा यह कि क्या इजरायल ने मजबूरी और जल्दीबाजी में अंजाम दिया?

हिज्बुल्लाह पर तगड़ा वार
दरअसल गाजा के साथ लेबनान के लड़ाका संगठन हिज्बुल्लाह से भी जूझ रहा है. इस संगठन को ईरान ने 1982 में बनवाया था जब इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरुत पर कब्जा कर लिया था. इसमें शिया लड़ाके शामिल हैं और समय समय पर इजरायल पर हमला करते रहते हैं. साल 2000 में इजरायल लेबनान से बाहर चला गया था और 2006 में हिज्बुल्लाह ने उस पर सबसे बड़ा हमला किया था.

मोसाद ने ऐसे फिट किया विस्फोटक
अभी इजराइल गाजा के साथ लेबनान के हिज्बुल्लाह से भी लड़ रहा है जो कि पेजर का इस्तेमाल कर रहा था. मार्च अप्रैल में हिज्बुल्लाह ने ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो को पेजर के लिए ऑर्डर दिया था. माना जा रहा है कि इजरायल को इस बात की जानकारी मिल गई थी और उसकी खुफिया एजेंसी ने पेजर के निर्माण या सप्लाई के दौरान उसकी बैटरी में विस्फोटक (PETN ) फिट कर दिया.

दुर्घटना से खुली पोल
बताते हैं कि जब पेजर हिज्बुल्लाह के पास पहुंचा तो दुर्घटनाबस एक पेजर फट गया और एक की जान चली गई. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को लगा कि यदि तत्काल ऑपरेशन को अंजाम नहीं दिया गया तो पोल खुल जाएगी और हिज्बुल्लाह इसका इस्तेमाल बंद कर देगा. वैसे हिज्बुल्लाह को इस बात की आशंका थी लिहाजा मोबाइल की जगह पेजर का इस्तेमाल कर रहा था.

मैसेज के बाद एक बटन से हुआ विस्फोट
एक पेजर में विस्फोट के बाद वह अलर्ट मॉड पर आ गया लेकिन वह कुछ करता उससे पहले की आनन-फानन में इजरायली सेना और मोसाद ने इस ऑपरेशन को अंजाम दे दिया. इजरायल यह विस्फोट लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर जोरदार हमले के दौरान करना चाहता था लेकिन दुर्घटना की वजह से ऐसा करना पड़ा. पेजर पर सबसे पहले एक मैसेज भेजा गया और जैसे ही हिज्बुल्लाह के लड़ाके उसे देखने के लिए आंख के पास ले गये एक बटन की मार्फत विस्फोट कर दिया गया.

अब ताइवानी कंपनी पर उंगली उठ रही है कि कंपनी में इसे फिट किया गया तो उसने पल्ला झाड़ लिया है और अपोलो पार्टी के फाउंडर और चेयरमैन सु चिंग कुआंग नेपल्ला झाड़ लिया और साफ कहा कि हमारी कंपनी ने इसे नहीं बनाया था. इन पेजर्स को यूरोपियन कंपनी ने बनाया था जिस ब्रांड इस्तेमाल करने का अधिकार है.

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