Mahabharat: हिन्दुओं के प्रमुख काव्य ग्रंथ महाभारत को ‘पंचम वेद’ कहा गया है। महाभारत में एक से बढ़कर एक धुरंधरों का उल्लेख है। साथ ही महाभारत की कई ऐसी कहानियां है, जिसके बारे में हमें पता नहीं है। क्या आपको मालूम है कि द्रौपदी अर्जुन के अन्य स्त्रियों से संबंध और विवाह को बर्दाश्त कर […]
Mahabharat: हिन्दुओं के प्रमुख काव्य ग्रंथ महाभारत को ‘पंचम वेद’ कहा गया है। महाभारत में एक से बढ़कर एक धुरंधरों का उल्लेख है। साथ ही महाभारत की कई ऐसी कहानियां है, जिसके बारे में हमें पता नहीं है। क्या आपको मालूम है कि द्रौपदी अर्जुन के अन्य स्त्रियों से संबंध और विवाह को बर्दाश्त कर पाईं थीं। इसके लेकर उन्होंने सबसे प्रिय अर्जुन को लताड़ा भी था।
दरअसल अर्जुन ने स्वयंवर में मछली की आंखें भेदकर द्रौपदी को जीता था लेकिन माता कुंती द्वारा अनजाने में कही बात से उन्हें पांचों पांडवों की पत्नी बनना पड़ा था। द्रौपदी ने खुद को पाँचों पांडवों की पत्नी तो मान लिया लेकिन उन्होंने उस समय ये वचन लिया कि उनके अलावा पांचों भाई किसी अन्य से विवाह नहीं करेंगे। हालांकि अर्जुन ने अपना वादा तोड़ दिया और द्रौपदी के आलावा तीन-तीन स्त्रिओं से संबंध बनाये।
एक बार युधिष्ठिर-द्रौपदी अपने कक्ष में थे। पाँचों भाइयों में ये तय किया गया था कि एक समय पर कक्ष में एक ही भाई रहेंगे अगर किसी ने नियम तोड़ा तो उन्हें वनवास भोगना पड़ेगा। एक दिन युधिष्ठिर-द्रौपदी कक्ष में प्रेमालाप कर रहे थे तभी गलती से अर्जुन वहाँ पहुँच गए। खुद को ऐसी स्थिति में देखकर द्रौपदी शर्मिंदा हो गईं और तय नियम के मुताबिक उन्हें वन में जाना पड़ा। अर्जुन जब वन गए तो उन्हें नागकन्या उलूपी मिली।
उलूपी की सुंदरता को देखकर अर्जुन मोहित हो गए और उन्होंने उससे विवाह कर लिया। उलूपी के बाद अर्जुन ने चित्रवाहन नाम के राजा की पुत्री चित्रांगदा से विवाह किया। इसके बाद अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा का अपहरण करके विवाह कर लिया। द्रौपदी को जब यह पता चला तो वो क्रोध में तिलमिला उठी। उन्होंने अर्जुन पर उनके साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। बहुत दिनों तक इसे लेकर उन्होंने अर्जुन से बात नहीं की। हालांकि समय के साथ उन्होंने अर्जुन की तीनों पत्नियों को अपना लिया। बाद में अन्य पांडवों ने भी वचन करके अन्य शादी कर ली थी।
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