नई दिल्ली: भारत में कुछ ऐसे गांव हैं जहां के नियमों के आगे आज के बड़े से बड़े शहर भी फेल हैं. पिछले कुछ सालों में लिव-इन का कॉन्सेप्ट दुनिया भर में लोकप्रिय हो गया है. मेट्रो सिटी में काम करने गए लड़के-लड़कियां अब साथ-साथ रहने लगे है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान […]
नई दिल्ली: भारत में कुछ ऐसे गांव हैं जहां के नियमों के आगे आज के बड़े से बड़े शहर भी फेल हैं. पिछले कुछ सालों में लिव-इन का कॉन्सेप्ट दुनिया भर में लोकप्रिय हो गया है. मेट्रो सिटी में काम करने गए लड़के-लड़कियां अब साथ-साथ रहने लगे है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में एक ऐसा गांव भी है, जहां लोग कई सदियों से लिव-इन में रह रहे हैं. हम बात कर रहे हैं गरासिया जनजाति की.
गरासिया जनजाति के लोग कई सालों से लिव-इन में रहने को प्राथमिकता दे रहे हैं. ये लोग एक ही शर्त के तहत शादी करते हैं. जब किसी महिला को बच्चा होता है. इससे पहले महिला चाहे तो अपना लिव-इन पार्टनर बदल सकती है. इसके अलावा इस जनजाति में महिलाओं का दर्जा पुरुषों की तुलना में काफी ऊंचा है. एक महिला खुद ही तय करती है कि वह किसके साथ रहेगी और किसके साथ नहीं.
इस जनजाति के लोगों के बीच वार्षिक गौर मेले का आयोजन किया जाता है. इसमें जिसे भी पार्टनर पसंद आता है वह उसके साथ चला जाता है. इसके बाद जब लड़का-लड़की वापस आते हैं तो लड़के का परिवार लड़की के परिवार को कुछ पैसे देता है. हर साल लगने वाले इस मेले में महिला या लड़कियां अपना पार्टनर बदल सकती है. एक महिला किसी पुरुष से तभी शादी करती है जब उसके बच्चे होते हैं.
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