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Retail Inflation: अगस्त में 3.65% रही महंगाई दर, खाने पीने के ये सामान हुए सस्ते

नई दिल्ली: अगस्त महीने के महंगाई दर के आंकड़े सामने आ गए हैं. पिछले 5 सालों में दूसरी बार सबसे कम महंगाई दर इस महीने रही है. अगस्त में मंहगाई दर 3.65% रही. बता दें कि जुलाई के महीने में यह दर घटकर 3.54% पर आ गई थी. अगस्त में सब्जी महंगी हुई, वहीं दाल […]

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Retail Inflation: अगस्त में 3.65% रही महंगाई दर, खाने पीने के ये सामान हुए सस्ते
  • September 12, 2024 8:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: अगस्त महीने के महंगाई दर के आंकड़े सामने आ गए हैं. पिछले 5 सालों में दूसरी बार सबसे कम महंगाई दर इस महीने रही है. अगस्त में मंहगाई दर 3.65% रही. बता दें कि जुलाई के महीने में यह दर घटकर 3.54% पर आ गई थी. अगस्त में सब्जी महंगी हुई, वहीं दाल सस्ती हुई है.

महंगाई दर क्या होती है?

महंगाई दर का मतलब है कि किसी देश में सामान और सेवाओं की कीमतें एक समय से दूसरे समय में कितनी बढ़ गई हैं. किसी भी देश की महंगाई दर को कैलकुलेट करने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी Consumer Price Index (CPI) का इस्तेमाल किया जाता है. CPI एक सूचकांक है जो सामान और सेवाओं की कीमतों में होने वाले बदलाव को मापता है.

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक

ये एक तरह से ये बताता है कि रोजमर्रा की चीज़ें, जैसे सब्जी, दूध, तेल, साबुन, कपड़े, किराया, आदि कितनी महंगी या सस्ती हुई हैं. ये आम लोगों की नज़र से महंगाई को नापता है. जैसे, अगर CPI 5% बढ़ता है तो इसका मतलब है कि आम लोगों के लिए ज़िंदगी का खर्च 5% बढ़ गया है. मान लीजिए कि साल 2023 में एक किलो गेहूं की कीमत ₹50 थी. 2024 में एक किलो गेहूं की कीमत ₹55 हो गई.

इसका मतलब है कि 2024 में गेहूं की कीमतें 2023 की तुलना में 10% बढ़ गई हैं. इससे CPI भी बढ़ेगा. अगर CPI इस साल 5% है तो इसका मतलब है कि पिछले एक साल में सामान और सेवाओं की कीमतें औसतन 5% बढ़ गई हैं.

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