अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव चल रहे हैं, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और वर्तमान वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस आमने-सामने हैं।
नई दिल्ली: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव चल रहे हैं, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और वर्तमान वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस आमने-सामने हैं। हालांकि चुनाव परिणाम का इंतजार है, लेकिन अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के लिए कार्यकाल आसान नहीं रहने वाला है। देश आर्थिक मंदी के संकट से जूझ रहा है, और विशेषज्ञों के मुताबिक, यह मंदी पहले ही आ चुकी है या फिर जल्द आ सकती है।
पिछले कुछ महीनों में अमेरिका की सैकड़ों कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं। 2024 के पहले आठ महीनों में 452 बड़ी कंपनियों ने दिवाला घोषित किया है, जो पिछले 14 वर्षों में दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। 2020 में महामारी के दौरान 466 कंपनियों ने दिवाला घोषित किया था। अगस्त 2024 में 63 कंपनियों ने दिवाला घोषित किया, जबकि जुलाई में यह संख्या 49 थी।
1. कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी सेक्टर: इस सेक्टर में 69 कंपनियों ने दिवाला घोषित किया है।
2. इंडस्ट्रियल सेक्टर: 53 कंपनियां इस सेक्टर में दिवालिया हुई हैं।
3. हेल्थकेयर सेक्टर: 45 कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं।
अर्थव्यवस्था की सुस्ती, बढ़ती बेरोजगारी और घटते उपभोक्ता खर्च के कारण अमेरिका मंदी की ओर बढ़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप और अधिक कंपनियों के दिवालिया होने की आशंका जताई जा रही है।
अमेरिका ने पिछले वर्षों में कई वित्तीय संकटों का सामना किया है। 2010 में 827 कंपनियों ने दिवाला घोषित किया था, जो 2008 के वित्तीय संकट का परिणाम था। 2020 में महामारी के दौरान 638 कंपनियां दिवालिया हुई थीं। 2023 में यह संख्या 634 थी। कंपनियों के दिवालिया होने से रोजगार की कमी और आर्थिक स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है।
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