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एक ऐसा मंदिर है जहां होते हैं नरक के दर्शन, सजाओं को देखकर कांप जाती है रूह

नई दिल्ली: थाईलैंड में एक मंदिर है जो दुनियाभर में अनोखे और अजीबोगरीब मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर देखने में किसी ‘नर्क’ की कल्पना जैसा प्रतीत होता है। इस मंदिर का नाम ‘वैट मे कैट नोई’ है। इसे ‘हेल टेम्पल’ यानी ‘नर्क मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है। यह […]

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  • September 11, 2024 2:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: थाईलैंड में एक मंदिर है जो दुनियाभर में अनोखे और अजीबोगरीब मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर देखने में किसी ‘नर्क’ की कल्पना जैसा प्रतीत होता है। इस मंदिर का नाम ‘वैट मे कैट नोई’ है। इसे ‘हेल टेम्पल’ यानी ‘नर्क मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर अपने अद्वितीय और डरावने शिल्प के लिए मशहूर है।

मंदिर का इतिहास और उद्देश्य

वैट मे कैट नोई ( wat mae kaet noi ) थाईलैंड के चियांग माई में स्थित है। यह मंदिर खास तौर पर “नरक” के विभिन्न हिस्सों को दर्शाने के लिए बनाया गया है। मंदिर में लगी मूर्तियां और चित्र, थाईलैंड के पारंपरिक बौद्ध मान्यताओं से प्रेरित हैं, जिसमें पाप और पुण्य के बीच का संबंध बताया गया है। इसे थाई कलाकार और मूर्तिकारों ने अपने धार्मिक और सांस्कृतिक सोच के आधार पर तैयार किया है। इस मंदिर का निर्माण 1970 के दशक में हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य बौद्ध धर्म में लोगों को कर्मों के महत्व और उनके परिणामों के बारे में जागरूक करना है। मंदिर की दीवारों पर और चारों ओर बड़ी-बड़ी मूर्तियाँ बनाई गई हैं, जिनमें लोग नर्क में अपने बुरे कर्मों की सजा भुगतते दिखाए गए हैं। इन मूर्तियों के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि अच्छे कर्म करने वाले स्वर्ग का आनंद प्राप्त करते हैं, जबकि बुरे कर्म करने वालों को नर्क में कठोर दंड मिलता है।

नर्क की छवियां

मंदिर में बनी मूर्तियाँ और चित्र बौद्ध धर्म में बताए गए नर्क के विभिन्न रूपों को दर्शाते हैं। यहाँ पर ऐसी मूर्तियाँ बनाई गई हैं, जहाँ पर लोग भयानक यातनाएँ भुगत रहे होते हैं। इनमें से कुछ मूर्तियाँ इतनी डरावनी हैं कि पहली नजर में ही आपके रोंगटे खड़े हो सकते हैं। यहाँ पर इंसानों को जानवरों के रूप में बदलते दिखाया गया है, और कुछ मूर्तियों में उन्हें क्रूर दंड मिलते हुए भी दर्शाया गया है। इस तरह की कला लोगों को यह याद दिलाने का प्रयास करती है कि कर्मों का फल अवश्य मिलता है, चाहे वह अच्छा हो या बुरा।

शिक्षा और संदेश

इस मंदिर का उद्देश्य केवल डराना नहीं है, बल्कि इसे एक शिक्षाप्रद स्थान के रूप में देखा जाता है। यहाँ आने वाले लोग अपने जीवन में अच्छे कर्म करने और बुराईयों से दूर रहने का संकल्प लेते हैं। बौद्ध धर्म में नर्क को अस्थायी माना गया है, जहाँ आत्मा अपने बुरे कर्मों का प्रायश्चित करती है और फिर पुनर्जन्म की प्रक्रिया शुरू होती है। इस मंदिर के दर्शन से लोग अपने जीवन में सकारात्मकता लाने और बुरे कर्मों से बचने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

पर्यटकों के लिए आकर्षण

हालांकि इस मंदिर का मुख्य उद्देश्य धार्मिक शिक्षा देना है, लेकिन यह पर्यटकों के लिए भी एक बड़ा आकर्षण है। हर साल लाखों लोग इसे देखने के लिए आते हैं। विदेशी पर्यटक खासतौर पर इसे देखने के लिए उत्सुक रहते हैं, क्योंकि यह एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है। यहाँ की अद्भुत और रहस्यमयी कला, इस मंदिर को अन्य धार्मिक स्थलों से बिल्कुल अलग बनाती है।

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