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आधी रात में लाठियों से एक-दूसरे को मारते हैं लोग, खून की सड़कों पर बहती है नदी – अजीब है ये परंपरा!

तमिलनाडु के करूर जिले में स्थित महालक्ष्मी मंदिर, जो मेट्टू महाधनपुरम में है, एक अजीबोगरीब परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां हर साल तमिल

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आधी रात में लाठियों से एक-दूसरे को मारते हैं लोग, खून की सड़कों पर बहती है नदी – अजीब है ये परंपरा!
  • September 7, 2024 9:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: तमिलनाडु के करूर जिले में स्थित महालक्ष्मी मंदिर, जो मेट्टू महाधनपुरम में है, एक अजीबोगरीब परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां हर साल तमिल महीने “अडी” के दौरान हजारों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं और एक खतरनाक अनुष्ठान में भाग लेते हैं। इस अनुष्ठान में लोग अपने सिर पर नारियल फोड़ते हैं, जिससे खून बहने लगता है, और यह सब कुछ देवी महालक्ष्मी की कृपा पाने के लिए किया जाता है।

कहां से शुरू हुई सिर पर नारियल फोड़ने की परंपरा

यह परंपरा ब्रिटिश राज के समय से चली आ रही है। उस वक्त ब्रिटिश सरकार ने मंदिर के पास से रेलवे ट्रैक बिछाने का प्रस्ताव रखा था, जिससे स्थानीय लोग परेशान हो गए थे। वे नहीं चाहते थे कि मंदिर को कोई नुकसान पहुंचे। तब ब्रिटिश अधिकारियों ने चुनौती दी कि यदि गांववाले अपने सिर पर नारियल फोड़ सकते हैं, तो ट्रैक को मंदिर के पास से नहीं गुजारा जाएगा। यह चुनौती स्वीकार कर, ग्रामीणों ने इस परंपरा की नींव रखी।

कैसे निभाई जाती है यह खतरनाक परंपरा

अडी के महीने के दौरान, लोग महालक्ष्मी मंदिर में इकट्ठा होते हैं और अपने सिर पर नारियल फोड़ते हैं। उनका मानना है कि इस अनुष्ठान से देवी महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में खुशहाली आती है। इस परंपरा में श्रद्धालुओं का खून बहना आम बात है, लेकिन उनके लिए यह आस्था का प्रतीक है।

इस अनोखी और खतरनाक परंपरा के पीछे लोगों की गहरी श्रद्धा और विश्वास छुपा है, जो उन्हें हर साल इस अनुष्ठान को निभाने के लिए प्रेरित करता है।

 

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