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बिना पैरों के…नागालैंड के होकाटो ने दिखाया साहस, जीता ब्रोंज मेडल

नई दिल्ली: होकाटो होतोजी सीमा भारतीय सेना की असम रेजिमेंट में हवलदार थे. नियंत्रण रेखा पर एक ऑपरेशन के दौरान वह बारूदी सुरंग की चपेट में आ गये और अपना दाहिना पैर खो बैठे. 27वां मेडल शॉट पुट F57 इवेंट पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है. भारत ने पैरालंपिक इतिहास […]

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बिना पैरों के…नागालैंड के होकाटो ने दिखाया साहस, जीता ब्रोंज मेडल
  • September 7, 2024 7:41 am Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: होकाटो होतोजी सीमा भारतीय सेना की असम रेजिमेंट में हवलदार थे. नियंत्रण रेखा पर एक ऑपरेशन के दौरान वह बारूदी सुरंग की चपेट में आ गये और अपना दाहिना पैर खो बैठे.

27वां मेडल शॉट पुट F57 इवेंट

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है. भारत ने पैरालंपिक इतिहास में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए अब तक 27 पदक जीते हैं.  27वां मेडल शॉट पुट F57 इवेंट में आया. फाइनल मुकाबले में नागालैंड के 40 वर्षीय होकाटो होत्जे सेमा ने अपने चौथे प्रयास में 14.65 मीटर थ्रो किया और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए तीसरे स्थान पर रहे. इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा पैरालंपिक खेलों में भारत के लिए 27वां पदक पक्का कर लिया.

असम रेजिमेंट में थे हवलदार

होकुतो होतोजी सेमा अपने जीवन में चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़े हैं. वह भारतीय सेना की असम रेजिमेंट में हवलदार थे. 2002 में, नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर एक ऑपरेशन के दौरान, वह एक बारूदी सुरंग की चपेट में आ गए और अपना दाहिना पैर खो दिया। अपना एक पैर खोने के बाद, होकाटो ने ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट की मदद से अपने एथलेटिक करियर की शुरुआत की। होकाटो ने 2022 में मोरक्कन ग्रां प्री में सिल्वर मेडल जीता था. इस साल की शुरुआत में वह वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी चौथे स्थान पर रहे थे.

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