छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक ऐसे जैन मुनि हैं, जो 52 सालों से लेटे नहीं हैं.

मुनि बैठकर ही 3-4 घंटे की नींद ले लेते हैं.

इनका जन्म 1948 में जोधपुर में हुआ था, संत शीतल मुनि ने पूरे जीवन के लिए शयन मुद्रा को त्याग दिया है.

22 साल की उम्र में उन्होंने गुरु हस्तीमन से जैन दीक्षा को स्वीकार किया था.

उनका मानना है कि बैठकर सोने से नींद कम आती है और उनकी तपस्या में समस्या कम होती है.

सभी उनकी इस तपस्या से काफी चकित रहते हैं

उन्होंने बताया कि अगर दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो किसी भी काम को करना मुश्किल नहीं है.