नई दिल्ली: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) में उम्मीदवारों द्वारा की गई धांधलेबाजी के बाद यूपीएससी ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने बुधवार (28 अगस्त) को यूपीएससी को उम्मीदवारों का आधार वेरिफाई करने की इजाज़त दे दी है। इस फैसले से यह पता चल सकेगा की जो उम्मीदवार परीक्षा देने आया है वह […]
नई दिल्ली: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) में उम्मीदवारों द्वारा की गई धांधलेबाजी के बाद यूपीएससी ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने बुधवार (28 अगस्त) को यूपीएससी को उम्मीदवारों का आधार वेरिफाई करने की इजाज़त दे दी है। इस फैसले से यह पता चल सकेगा की जो उम्मीदवार परीक्षा देने आया है वह फर्जी तो नही। दरअसल, यह नियम IAS ट्रेनी पूजा खेड़कर के फर्जी डॉक्यूमेंट विवाद के बाद लागू करना जरूरी हो गया। आधार वेरीफिकेशन का नियम यूपीएससी द्वारा संचालित होने वाली 14 परीक्षाओं पर लागू होगा।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने बुधवार को कहा, “कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचित करता है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ पोर्टल पर पंजीकरण के समय उम्मीदवारों की पहचान वेरिफाई करने के लिए आधार वेरीफिकेशन का उपयोग करने की अनुमति है।वेरीफिकेशन परीक्षा के सभी स्तरों पर हां/नहीं या ई-केवाईसी ऑथेंटिकेशन सुविधा के माध्यम से किया जाएगा।”
सरकार की ओर से जारी टेंडर में कहा गया है, “इन उद्देश्यों को पूरा करने के अपने प्रयास में, यूपीएससी का उद्देश्य उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक डिटेल्स का मिलान और क्रॉस-चेक करना और परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी, जालसाजी, गलत तरीके से पेपर देने और फर्जी व्यक्तियों के परीक्षा में शामिल होने को रोकने के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग करना है।”
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