नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो में अक्सर पुरुष यात्री महिला कोच में घुस जाते हैं. इस पर नकेल कसने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने विशेष अभियान के पहले दिन 32 यात्रियों पर जुर्माना लगाया है. यह अभियान मंगलवार को सभी मेट्रो लाइनों पर शुरू किया गया. इस अभियान के तहत, DMRC ने 10 […]
नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो में अक्सर पुरुष यात्री महिला कोच में घुस जाते हैं. इस पर नकेल कसने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने विशेष अभियान के पहले दिन 32 यात्रियों पर जुर्माना लगाया है. यह अभियान मंगलवार को सभी मेट्रो लाइनों पर शुरू किया गया. इस अभियान के तहत, DMRC ने 10 उड़नदस्ते बनाए हैं, जिनमें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), दिल्ली मेट्रो रेल पुलिस (DMRP) और DMRC कर्मी शामिल हैं. इन्हें सभी मेट्रो लाइनों पर तैनात किया जाएगा. यह जानकारी डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने दी है.
दयाल ने कहा, ‘ये दस्ते पूरे दिन औचक निरीक्षण करेंगे और महिला कोचों में पुरुष यात्रियों के अनधिकृत प्रवेश पर कड़ी नजर रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिला यात्री मेट्रो में यात्रा करते समय सुरक्षित और आरामदायक महसूस करें.’ उन्होंने कहा, जो लोग नियम तोड़ते हुए, उड़नदस्तों के निर्देशों की अवज्ञा करते हुए या 250 रुपये का जुर्माना देने से इनकार करते हुए पाए जाएंगे, उन्हें ट्रेन से उतार दिया जाएगा और दिल्ली मेट्रो रेल पुलिस को सौंप दिया जाएगा. मंगलवार को अभियान के पहले दिन 32 पुरुष यात्रियों पर दिल्ली मेट्रो अधिनियम के तहत 250 रुपये का जुर्माना लगाया गया और कुल 108 पुरुष यात्रियों को एडवाइस देकर महिला कोच से बाहर निकाला गया. उन्होंने बताया, DMRC ने भी इसी तरह का अभियान शुरू किया है.
अधिकारियों ने कहा कि पुरुष यात्रियों द्वारा महिला कोचों में दुर्व्यवहार या अनधिकृत प्रवेश की किसी भी घटना के मामले में महिला यात्री डीएमआरसी 24X7 हेल्पलाइन नंबर 155370 पर भी सूचित कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि चलने वाली दिशा में सभी ट्रेनों का पहला कोच केवल महिला यात्रियों के लिए आरक्षित है और पुरुष यात्रियों को मेट्रो सेवा के समय के दौरान इस कोच में यात्रा करने से बचने की सलाह दी जाती है. पहले के आंकड़ों से पता चला है कि डीएमआरसी ने इस साल जनवरी से जून के बीच महिला कोचों में प्रवेश के लिए 1,906 पुरुष यात्रियों की बुकिंग की थी।
Also read….
आ गया पृथ्वी के विनाश का समय, पर्वत से गायब है ‘ॐ’, कहां गया छोटा कैलाश?