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IMA का बड़ा फैसला, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को किया सस्पेंड

भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने हाल ही में पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष की सदस्यता को निलंबित कर दिया है। इस कदम के पीछे कई कारण हैं,

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IMA का बड़ा फैसला, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को किया सस्पेंड
  • August 28, 2024 6:50 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने हाल ही में पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष की सदस्यता को निलंबित कर दिया है। इस कदम के पीछे कई कारण हैं, जिनमें संगठन की आचार संहिता का उल्लंघन और अन्य प्रशासनिक मुद्दे शामिल हैं।

सदस्यता निलंबन का कारण

IMA द्वारा डॉ संदीप घोष की सदस्यता निलंबित करने का मुख्य कारण संगठन के नियमों और आचार संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है। IMA के अनुसार, डॉ घोष ने संगठन के मानकों और सिद्धांतों के खिलाफ कुछ कार्रवाइयां की हैं, जिनकी वजह से यह निर्णय लिया गया है। हालांकि, IMA ने इस मुद्दे की गहन जांच की है और सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया है।

डॉ संदीप घोष की पृष्ठभूमि

डॉ संदीप घोष भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में एक प्रमुख नाम हैं। उन्होंने अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान दिया है। वे पूर्व में एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल रह चुके हैं और उनकी सदस्यता IMA में एक सम्मानित पद पर थी।

IMA का बयान

IMA ने अपने बयान में कहा है कि यह निर्णय संगठन के आचार संहिता को बनाए रखने और उसके उच्च मानकों को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। संगठन का कहना है कि वे अपने सदस्यों के आचरण पर कड़ी निगरानी रखते हैं और किसी भी प्रकार की अनियमितता को गंभीरता से लेते हैं।

डॉ घोष की प्रतिक्रिया

डॉ संदीप घोष ने इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। उनका कहना है कि वे हमेशा IMA के नियमों और आचार संहिता का पालन करते आए हैं और उन्हें इस मामले में न्याय की उम्मीद है।

आगे की कार्यवाही

IMA ने डॉ संदीप घोष की सदस्यता निलंबित करने के साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि अगर भविष्य में उनके खिलाफ कोई और अनुशासनात्मक कार्रवाई की आवश्यकता महसूस होती है, तो उसे भी गंभीरता से देखा जाएगा।

इस निर्णय के बाद, IMA का लक्ष्य संगठन की आचार संहिता को सुनिश्चित करना और चिकित्सा क्षेत्र में उच्च मानकों को बनाए रखना है। डॉ संदीप घोष का यह मामला चिकित्सा संगठन और उसके मानकों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है और यह दर्शाता है कि IMA अपने सदस्यों के आचरण पर कड़ी निगरानी रखता है।

 

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