नई दिल्ली। पिछले ढाई सालों से रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का अब तक अंत नहीं हुआ है। दोनों में से कोई भी पक्ष हार मानने को तैयार नहीं है। न रूस जीत पाया है और न ही यूक्रेन पीछे हटने को तैयार है। इस युद्ध ने दुनिया को दो हिस्सों में बांट […]
नई दिल्ली। पिछले ढाई सालों से रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का अब तक अंत नहीं हुआ है। दोनों में से कोई भी पक्ष हार मानने को तैयार नहीं है। न रूस जीत पाया है और न ही यूक्रेन पीछे हटने को तैयार है। इस युद्ध ने दुनिया को दो हिस्सों में बांट दिया है। आगे क्या होगा कोई नहीं जानता लेकिन दुनिया की उम्मीदें भारत से बढ़ गई है। क्या सच में भारत यह युद्ध रुकवा देगा?
कहा जा रहा है कि भारत चुपचाप काम में जुट गया हुआ है। यूक्रेन दौरे से लौटने के बाद पीएम मोदी ने सोमवार की रात में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से बात की। उन्हें यूक्रेन यात्रा के बारे में जानकारी दी। युद्ध में बढ़ रही जनहानि को देखते हुए इसे रुकवाने की चर्चा हुई। इसके बाद मोदी ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोर मिलाया। उन्हें भी यूक्रेन यात्रा से अवगत कराया।
पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर बताया कि आज राष्ट्रपति पुतिन से बात हुई। इस दौरान रूस-यूक्रेन संघर्ष और यूक्रेन की हालिया यात्रा पर मेरी अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान हुआ। संघर्ष के शीघ्र, स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री ऐसे राष्ट्राध्यक्ष थे, जो गैर नाटो देश के होकर भी दौरे पर गए। उन्होंने युद्ध के बीच दोनों देशों की यात्रा की। रूस दौरे के दौरान पुतिन से गले लगने पर जब जेलेंस्की ने उनकी आलोचना की तो यूक्रेन यात्रा पर उन्होंने उन्हें भी गले से लगा लिया। जेलेंस्की के कंधों पर हाथ रखकर मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत युद्ध रुकवाने की दिशा में काम करेगा।