इस मदिंर में 16 साल से राधा रानी की नहीं है मूर्ति, काट रही हैं वनवास

इस मदिंर में 16 साल से राधा रानी की नहीं है मूर्ति, काट रही हैं वनवास There is no idol of Radha Rani in this temple for 16 years, she is spending her exile

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इस मदिंर में 16 साल से राधा रानी की नहीं है मूर्ति, काट रही हैं वनवास

Shikha Pandey

  • August 26, 2024 10:50 am Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली : जन्माष्टमी का त्योहार आज पूरे देश में मनाया जा रहा है.हालांकि ये पर्व कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र के भदरस में बुरे सपना जैसा है. जिसकी वजह यह है कि यहां पर बने श्री कृष्ण की मंदिर में 16 साल से राधा रानी की मूर्ति नहीं है.राधा रानी की मूर्ति इतने सालों से पुलिस के मालखाने में रखी हुई है.इस बारे में कोई सुनवाई नहीं कर रहा है.

जन्माष्टमी के अवसर पर भदरस गांव के भक्तों को भगवान श्री कृष्ण के साथ मंदिर में अष्टधातु की राधारानी की मूर्ति की याद सताती है.बता दें इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के साथ राधा रानी की दूसरी मूर्ति स्थापित है.लेकिन अष्टधातु की राधा रानी की प्रचीन मूर्ति पुलिस के पास है. इससे भक्त काफी दुखी रहते है. भक्तों का यह दुख जन्माष्टमी और राधाष्टमी त्योहार के मौके पर बढ़ जाता है. भद्ररस गांव में राधाकृष्ण का सबसे पुरान मंदिर है. इस मंदिर में 16 साल पहले चोरी हुई थी. चोरों ने मंदिर में राधारानी की मूर्ति और अन्य भगवानों की मूर्तियां चुरा ली थीं.

फीका रहता है जन्माष्टमी का उत्सव

जन्माष्टमी के अवसर पर भक्तों का कहना है कि 16 साल पहले हुई चोरी की घटना को वह अभी तक भुला नहीं पाए है.चोरी के वजह से राधा रानी भगवान कृष्ण से 16 साल से दूर हैं. वही मंदिर के पुजारी राजेश ने कहा कि प्रभु राम का वनवास भी 14 साल में खत्म हो गया था.मगर राधा रानी 16 साल से वनवास काट रही हैं. भगवान कृष्ण के साथ मंदिर में राधा रानी की मूर्ति नही होने के कारण फीका रहता है उनका जन्माष्टमी का त्योहार

दोबारा नहीं उठा पाए श्री कृष्ण की मूर्ति

घाटमपुर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ने बताया कि 16 साल पहले चोरों ने मंदिर की सभी मूर्तियां चुरा ली थीं. वहीं भगवान कृष्ण की मूर्ति चोरों से मंदिर के कुछ दूरी पर गिर गई थी. जिसे चोर दोबारा नहीं उठा पाए थे. मंदिर में फिर कृष्ण की मूर्ति को दोबारा स्थापित कराया गया. वहीं उनके बगल में पत्थर से बनी राधा रानी की मूर्ति लगाई गई.

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