केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने का ऐलान किया है, जो 1 अप्रैल 2025 से शुरू होगी। यह स्कीम सरकारी कर्मचारियों
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने का ऐलान किया है, जो 1 अप्रैल 2025 से शुरू होगी। यह स्कीम सरकारी कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगी, लेकिन इससे सरकार का पेंशन बिल भी बढ़ जाएगा। वित्त वर्ष 2025-26 में इस नई स्कीम के कारण पेंशन बिल में डबल डिजिट में वृद्धि होने की संभावना है। अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में सरकार को 79,241 करोड़ रुपये पेंशन पर खर्च करने पड़ेंगे, जबकि नई स्कीम लागू होने के बाद अगले साल यह खर्च 6,250 करोड़ रुपये और बढ़ जाएगा। इसमें रेलवे और डिफेंस का पेंशन बिल शामिल नहीं है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू होने के बाद कोरोना महामारी के बाद पहली बार पेंशन बिल में डबल डिजिट का उछाल देखने को मिलेगा। वित्त वर्ष 2021 में पेंशन बिल में 25.2% की वृद्धि हुई थी, जिसमें सरकार का खर्च 50,115 करोड़ रुपये से बढ़कर 62,725 करोड़ रुपये हो गया था। पिछले 16 सालों में सरकार का पेंशन बिल 4.4 गुना बढ़ चुका है।
रिपोर्ट के अनुसार, यूपीएस लागू होने के बाद सरकार को पेंशन पर 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा। सरकार ने कहा है कि वह अपने योगदान को कर्मचारी की सैलरी के 14% से बढ़ाकर 18.5% करने की योजना बना रही है। वित्त वर्ष 2010 से हर साल पेंशन खर्च में लगभग 10.4% की वृद्धि हो रही है। बजट दस्तावेज के मुताबिक, 2010 में पेंशन बिल 17,850 करोड़ रुपये था।
सरकार का पेंशन बिल साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है, जिससे बजट पर दबाव बढ़ रहा है। 2025-26 में यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू होने के बाद पेंशन खर्च में और ज्यादा वृद्धि होगी। इसका असर देश की अर्थव्यवस्था और सरकारी वित्तीय स्थिति पर पड़ सकता है।
यूपीएस लागू करने से कर्मचारियों को पेंशन में बेहतरी मिलेगी, लेकिन इसका अतिरिक्त बोझ सरकार पर आएगा। यह देखना होगा कि सरकार इस बोझ को कैसे संभालती है और बजट में इसके लिए क्या उपाय करती है।
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