‘बस बहुत हो गया …’ सुधा मूर्ति ने अंधे पुजारी को दिए 20 हजार रुपये, तो उसने दिया करारा जवाब

'बस बहुत हो गया ...' सुधा मूर्ति ने अंधे पुजारी को दिए 20 हजार रुपये, तो उसने दिया करारा जवाब 'Enough is enough...' Sudha Murthy gave 20 thousand rupees to a blind priest, then he gave a befitting reply

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‘बस बहुत हो गया …’ सुधा मूर्ति ने अंधे पुजारी को दिए 20 हजार रुपये, तो उसने दिया करारा जवाब

Aprajita Anand

  • August 25, 2024 1:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति को किसी परिचय की जरूरत नहीं है. वह एक लेखिका और राज्यसभा सदस्य भी हैं. कई बार उनकी बातें लोगों के दिलों को छू जाती हैं. सुधा मूर्ति सामाजिक कार्यों के लिए भी जानी जाती हैं. यह घटना उनके तमिलनाडु दौरे के दौरान घटी. इसी यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात एक अंधे पुजारी से हुई. उन्होंने उस पुजारी को मदद के बदले 20 हजार रुपये देने की पेशकश की. उस पुजारी ने वह रकम नहीं ली और सुधा मूर्ति को कड़ा जवाब दिया.

तमिलनाडु के मंदिर

एक बार सुधा मूर्ति तमिलनाडु में थीं. रास्ते में उनकी कार खराब हो गई. ड्राइवर ने कहा कि पास में एक मंदिर है. चलिए वहीं रुकते हैं. ड्राइवर ने बताया कि मंदिर में अंधा पुजारी अपनी पत्नी के साथ रहता है. शुरुआत में सुधा मूर्ति को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन बाद में वह मान गईं. जब दोनों मंदिर पहुंचे तो पुजारी और उनकी पत्नी ने दोनों का स्वागत किया.

‘मैं नहीं जानता कि तुम कौन हो’

जब वह मंदिर पहुंची तो पुजारी ने आरती की. इसके लिए उन्होंने 100 रुपये दिये. इतनी रकम देखकर पुजारी आश्चर्यचकित भी हुआ और झिझका भी. पुजारी ने कहा कि यह रकम बहुत ज्यादा है. लेकिन सुधा मूर्ति उनकी और मदद करना चाहती थीं. उन्होंने पुजारी का नाम व अन्य जानकारी मांगी. वह उसे बुढ़ापे में सहारे के तौर पर 20 हजार रुपये देना चाहती थी. लेकिन पुजारी ने वह रकम लेने से इनकार कर दिया. पुजारी ने जो कहा वह काफी प्रेरणादायक था. पुजारी ने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि तुम कौन हो, लेकिन मैं तुम्हें कुछ बताना चाहता हूं. जीवन में ऐसी गलती कभी न करे.

पुजारी ने दिया जवाब

पुजारी की ये बात सुनकर सुधा मूर्ति हैरान रह गईं. उन्होंने पूछा कि आप ऐसा क्यों कह रहे हैं? इस पर पुजारी ने कहा, ‘अगर तुम मुझे ये पैसे दोगे तो ये मेरे लिए एक बड़ा बोझ बन जाएगा. गांव वाले अब हमारा ख्याल रखते हैं, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चलेगा कि मेरे पास बैंक या पोस्ट ऑफिस में 20,000 रुपये हैं, तो वे मेरी मृत्यु की कामना करने लगेंगे ताकि उन्हें पैसे मिल सकें. वे अब हमारी मदद नहीं करेंगे. भगवान ने हमें जो दिया है वह काफी है। याद रखें, जीवन में आपको एक रेखा खींचना सीखना होगा. यह सीमा होनी चाहिए – बहुत हो गया। यह सीमा केवल आप ही निर्धारित कर सकते हैं.

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